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कुत्तों की नसबंदी में तेजी नहीं, बच्चों और बड़ों को दौड़ाकर काट रहे

गर निगम में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। मुहल्लों से लेकर पॉश कालोनी तक कुत्तों के आतंक से रात गुजरना मुश्किल होगा। नगर निगम छह हजार कुत्तों की नसबंदी करने का दावा कर रहा है लेकिन इनकी जनसंख्या लगातार बढ़ रही है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:20 PM (IST)
कुत्तों की नसबंदी में तेजी नहीं, बच्चों और बड़ों को दौड़ाकर काट रहे

मुरादाबाद, जेएनएन। नगर निगम में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। मुहल्लों से लेकर पॉश कालोनी तक कुत्तों के आतंक से रात गुजरना मुश्किल होगा। नगर निगम छह हजार कुत्तों की नसबंदी करने का दावा कर रहा है लेकिन, इनकी जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। जिस कंपनी को कुत्तों की नसबंदी करने का ठेका दिया है, उसकी सुस्त रफ्तार कुत्तों का आतंक बढ़ा रही है।

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दो साल पहले कुत्तों की नसबंदी करने का ठेका दिया था। शुरूआत में नसबंदी लगातार चली लेकिन, फिर कई महीने बंद रही। बगला गांव में नसबंदी का आपरेशन थिएटर बना हुआ है। इसमें एक दिन में 25 कुत्ते रखने की व्यवस्था है। तीन दिन कुत्तों को रखकर उनके स्वास्थ्य परीक्षण के बाद नसबंदी का प्रावधान है। इन तीन दिनों में 889 रुपये प्रति कुत्तो रोजाना का खर्च नसबंदी के नाम पर उठाया जा रहा है। हाल में कई बच्चों व बड़ों को कुत्तों ने काटा था, इसके बाद नसबंदी शुरू हुई है। कंपनी अधिकारियों की मानें तो कुत्तों को रखने वाली कैनल कम पड़ रही हैं। कैनल की संख्या और बढ़ाई जाए लेकिन, जगह कम होने की बात कहकर नगर निगम कैनल नहीं बढ़ा रहा। कुत्तों को पकड़कर तीन दिन इन्हीं कैनल में रखा जाता है। 


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