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कहीं वर्दी भी तो नहीं है दागदार, आखिर किसकी शह पर धधक रही थीं शराब की भट्ठियां

सूबे में नब्बे जान ले चुकी जहरीली शराब के बाद पुलिस और आबकारी विभाग की नींद खुली है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 01:55 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:10 AM (IST)
कहीं वर्दी भी तो नहीं है दागदार, आखिर किसकी शह पर धधक रही थीं शराब की भट्ठियां
कहीं वर्दी भी तो नहीं है दागदार, आखिर किसकी शह पर धधक रही थीं शराब की भट्ठियां

मुरादाबाद(सुशील कुमार) । सूबे में नब्बे जान ले चुकी जहरीली शराब के बाद पुलिस और आबकारी विभाग की नींद खुली है। हर रोज कच्ची शराब बनाने की भट्ठी तोड़ी जा रही हैं। आरोपितों को पकड़कर उपकरण बरामद किए जा रहे हैं। सवाल है कि अब तक आखिर किस की शह पर ये भट्ठी धधक रही थीं। जबकि आबकारी विभाग का जिम्मा सिर्फ कच्ची शराब पर अंकुश लगाने का है। उसके बावजूद भी कच्ची शराब बड़े पैमाने पर जनपद में निकल रही थी। हर रोज पकड़े जा रहे आरोपित और बरामद शराब इसका प्रमाण है।

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15 दिन तक अभियान चलाने के निर्देश

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह और प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी डीएम और कप्तानों को कच्ची शराब के खिलाफ 15 दिन का अभियान चलाने के आदेश दिया। इसकी निगरानी कप्तान और डीएम खुद कर रहे हैं। तीसरे दिन अभियान में जनपद के पांच थानों में 10 आरोपितों को गिरफ्तार किया, जो कच्ची शराब बना रहे थे। साथ ही शराब बनाने के उपकरण और खाली बोतल भी बरामद की गई, जिनमें भरकर शराब बेची जाती थी। पुलिस की यह कार्रवाई काबिलेतारीफ है। सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर शराब की भट्ठियां किसकी शह पर धधक रही थीं? उससे भी बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर शराब ग्रामीण और शहरी इलाकों में खपाई जा रही थी। तब भी आबकारी विभाग और पुलिस अनजान बनी हुई थी। या पुलिस और आबकारी की शह पर ही भट्ठियां धधक रही थीं। अफसरों का तर्क है कि इस तथ्य पर बाद में प्लानिंग की जाएगी। सबसे अहम उनके लिए इस समय कच्ची शराब को खत्म करना है। आइजी रमित शर्मा का कहना है कि मंडल के सभी जनपदों में अभियान का असर दिखाई दे रहा है। बिजनौर में सबसे ज्यादा शराब बरामद हो रही है। मुरादाबाद तो दूसरे नंबर पर है।

ठंडी हो गईं शराब की भट्ठी

शहर और देहात में चलने वाली शराब की कुछ भट्ठियां तो ठंडी हो गई हैं। माना जा रहा है कि शराब माफिया ने कुछ समय के लिए काम बंद कर दिया है, जो घरों से बाहर निकल गए हैं। अब पुलिस पिछले पांच सालों में शराब निकालने में जेल गए आरोपितों का रिकार्ड देखकर उनकी पड़ताल करने में जुटी है। शराब के धंधे में पहले से भी शामिल रहे आरोपितों को पकड़-पकड़ कर जेल भेजा जा रहा है।

आरोपित         थाने

2                     ठाकुरद्वारा

2                    सिविल लाइन

3                    मूंढापांडे

2                    कांठ

1                   भोजपुर 


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