Coronavirus:कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नीमा और आईएमए डॉक्टर कर्मयोद्धाओं की सेना में शामिल Sambhal News
नीमा के डॉक्टरों ने पांच इंफ्रा रेड थर्मामीटर स्वास्थ्य विभाग को दिए। लोगों को कोरोना वायरस के कहर से बचाने के लिए किया जा रहा है हर संभव उपाय।
सम्भल,जेएनएन। कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकारी डॉक्टरों के साथ नीमा और आईएमए के डॉक्टर भी मदद को आगे आ रहे हैं। यह कोरोना आशंकित लोगों का उपचार कर रहे कर्म योद्धाओं की पूरी मदद कर रहे है, जिससे इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
कोरोना वायरस को हराने में शासन से लेकर प्रशासन का पूरा अमला जुटा हुआ है। उन्हें न दिन का पता चल रहा है और न ही रात का। ऐसे में नीमा और आईएमए के डॉक्टर व उनका स्टाफ कोरोना आशंकितों की जांच व देखभाल में लगे कर्मयोद्धा डॉक्टरों की सेना व हथियार बनकर उनका सहयोग कर रहे है। आईएमए के डॉक्टर जहां टीम गठित कर आशंकितों की जांच करने में सहयोग कर रहे है वही नीमा के डॉक्टरों ने अपने कीमती और वर्तमान स्थिति में उपलब्ध न होने वाले उपकरण इन कर्मयोद्धाओं को दिए हैं, जिससे वह संदिग्ध रोगियों की जांच कर सके। लॉक डाउन के कारण काफी संख्या में लोग दूसरे राज्यों व जिलोंं से अपने अपने घरों को पहुंचने के लिए निकलने शुरू हो गए थे। इस कारण स्वास्थ्य विभाग की दुश्वारियां काफी बढ़ गई थी। क्योंकि विभाग के पास संसाधनों की कमी थी और आशंकितों की संख्या बढ रही थी। इस स्थिति में नीमा व आईएमए के डॉक्टरों ने अपना सहयोग देना शुरू कर दिया। आईएमए के डॉक्टरों व उनके स्टाफ कर्मियों ने जहां दूसरे शहर व राज्यों से आ रहे लोगों की जांच करना शुरू किया वही नीमा के डॉक्टरों ने पांच निजी इंफ्रा रेड थर्मामीटर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. जुहैब करीम व चिकित्सक डॉ. नीरज शर्मा को दिए। स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधन कम थे और लॉक डाउन के कारण उपकरण बाजार में भी नहीं पा रहे थे। ऐेसे में कोरोना आशंकित लोगों की जांच में यह थर्मामीटर की बहुत कारगर साबित हुए।
हर तरह से मदद को सामने आए आईएमए के चिकित्सक
सम्भल: जहां नीमा के डॉक्टरों ने पांच इंफ्रा रेड थर्मामीटर स्वास्थ्य विभाग को दिए वही दूसरी तरफ आईएमए के चिकित्सकों द्वारा छह टीमें बनाकर आशंकित लोगों का परीक्षण किया गया। नगर के चौधरी सराय व चन्दौसी चौराहे पर चिकित्सक व उनके स्टाफ कर्मी लोगों की जांच कर रहे थे वही दो टीमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के संपर्क में रहकर दूसरे राज्यों व शहरों से आए लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही थी। इसमें डॉ. आनंद ङ्क्षसह, डॉ. स्मिता पाटिल व डॉ. रितु सक्सैना का प्रमुख योगदान रहा।