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रामपुर में गर्भपात के दौरान लापरवाही, महिला की मौत के बाद हंगामा

इलाज की पूरी जानकारी न होने के बावजूद कुछ लोग पूरा जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। रुपयों के लालच की गई उनकी इस गलती का खामियाजा परिवार के लोगों को उठाना पड़ता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 04:27 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 04:27 PM (IST)
रामपुर में गर्भपात के दौरान लापरवाही, महिला की मौत के बाद हंगामा
रामपुर में गर्भपात के दौरान लापरवाही, महिला की मौत के बाद हंगामा

रामपुर। जिले के बिलासपुर में नगर के हॉटस्पॉट एरिया में संचालित नर्सिंग होम पर गर्भपात के पश्चात एक महिला की मौत हो गई। गुस्साए स्वजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वे अस्पताल चला रही एएनएम पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगा रहे थे। सूचना पर पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंच गई। फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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क्षेत्र में आए दिन इस तरह की घटनाएं होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मौन है। जिसके चलते झोलाछापों द्वारा लोगों की जिंदगी के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। नगर में ऐसा ही एक क्‍लीनिक एक एएनएम द्वारा चलाया जा रहा है। जहां पर अवैध रूप से गर्भपात भी करवाए जाते हैं। शनिवार को तड़के नगर के मुहल्ला टांडा हुरमतनगर निवासी रईस अहमद ढाई माह से गर्भवती अपनी पत्नी परवीन जहां का गर्भपात कराने मुहल्ला बाजार कलां सिंह कॉलोनी में चल रहे इस नर्सिग होम पर ले गए। आरोप है कि गर्भपात के पच्श्चात वहां काम करने वाली एएनएम द्वारा इंजेक्शन लगाने से अचानक गर्भवती की हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। महिला की अचानक मौत से वहां कोहराम मच गया। परिवार के लोग आक्रोशित हो उठे और हंगामा शुरू कर दिया। इस पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। सूचना पर इंस्पेक्टर अमर सिंह और कस्बा चौकी प्रभारी पुष्कर सिंह मेहरा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। जहां पर उन्होंने मृतका के स्वजन से वार्ता कर जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन मुहम्मद मुख्तार के नाम पर दर्ज है। प्रभारी निरीक्षक ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।

पहले भी इस अस्पताल पर की जा चुकी है कार्रवाई

सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा उक्त नर्सिंग होम पर एक बार पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। सिटी मजिस्ट्रेट ने इसी अस्पताल में लिंग का परीक्षण व महिलाओं का गर्भपात किए जाने की शिकायत पर अस्पताल में छापा मारा था और एक भ्रूण डस्टबिन से प्राप्त होने पर अस्पताल को सील कर दिया था। साथ ही अस्पाल का रजिस्ट्रेशन तक निरस्त कर दिया था। लेकिन, तब से लेकर अब तक संचालक अपनी हरकतों से बाज नही आई और नए नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करवा लिया।


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