एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की है नवाब खानदान की कोठी खासबाग
नवाब खानदान की रामपुर में हजारों करोड़ की संपत्ति है। आलीशान इमारतें और बड़े-बड़े बाग हैं। अब इनके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है।
रामपुर, जेएनएन। नवाब खानदान की कोठी खासबाग की मूल्यांकन रिपोर्ट आज न्यायालय में पेश की जाएगी। इसकी कीमत हजार करोड़ से भी ज्यादा है। देश की यह पहली फुल्ली एयरकंडीशनर कोठी है। करीब सौ साल पहले यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी यह आलीशान इमारत बेहद खूबसूरत है। नवाब खानदान की रामपुर में हजारों करोड़ की संपत्ति है। आलीशान इमारतें और बड़े-बड़े बाग हैं। अब इनके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। उन्होंने जनवरी माह में इमारतों के मूल्यांकन के लिए लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए थे। इमारत पुरानी होने के कारण इसकी कीमत जर्जर भवन के रूप में मात्र 27 करोड़ आंकी गई। अब जमीन की कीमत की रिपोर्ट दी जाएगी। मूल्यांकन रिपोर्ट एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सेना सौंपेंगे। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां आर्किटेक्ट भी हैं। कहते हैं कि यूरोपीय इस्लामी शैली में बना खासबाग पैलेस पुरातत्व के नजरिये से वेशकीमती है। यह रामपुर की शान है। कोठी खासबाग में करीब दो सौ कमरे और सिनेमा हाल समेत कई बड़े हाल हैं। इसमें बड़े-बड़े हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए। इसमें नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल, संगीत हाल, स्वीमिग पूल भी बनाया गया। बताते हैं कि कोसी नदी किनारे बनी इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ लगाए गए। कोठी यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी है। इसमें बड़े बडे़ हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए हैं। इसमें नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल व संगीत हाल भी बनाया गया। सेंट्रल हाल में बेशकीमती पेंटिग लगी हैं। इनकी कीमत ही करीब 23 करोड़ आंकी गई है। कोठी के मुख्य द्वार पर गुंबद बने हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं। इसकी सीढि़या इटेलियन संगमरमर से बनी हैं। इसी कोठी में नवाब खानदान की आरमरी है, जिसमें एक हजार से ज्यादा हथियार हैं। खासबाग का एरिया 450 एकड़ है, जो सिविल लाइंस क्षेत्र में है। इस कारण इसकी जमीन ही अरबों रुपये की है। कोठी का निर्माण कराने इंजीनियर भी लंदन से आए थे और राज मिस्त्रियों को मजदूरी भी चांदी के सिक्कों में दी जाती थी। |