नदियों की स्वच्छता पर नरेंद्र मोदी सरकार का मौन
केंद्र सरकार बनने के बाद जनता को नदियों की सफाई को लेकर एक नई उम्मीद जगी थी लेकिन इन पांच वर्षों में सरकार ने नदियों से कितनी गंदगी साफ की और देश की कौन सी नदी प्रदूषण मुक्त हो चुकी है इस सवाल का जवाब देने में सरकार कतरा रही है।
मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। देश में नदियों को देवी का रूप समझा जाता है। गंगा और यमुना नदी के साथ ही देश की अन्य नदियों को प्रदूषण और गंदगी से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया था। केंद्र सरकार बनने के बाद जनता को नदियों की सफाई को लेकर एक नई उम्मीद जगी थी, लेकिन इन पांच वर्षों में सरकार ने नदियों से कितनी गंदगी साफ की और देश की कौन सी नदी प्रदूषण मुक्त हो चुकी है, इस सवाल का जवाब देने में सरकार कतरा रही है।
सफाई मिशन मंत्रालय ने आरटीआइ में दिया गोलमोल जवाब
तीन माह में आरटीआइ की अपील दाखिल करने के बाद जल संसाधन नदी विकास गंगा सफाई मिशन मंत्रालय ने उत्तर नहीं दिया। हालांकि मंत्रालय ने खर्च से संबंधित जानकारी तो प्रदान कर दी है, लेकिन नदियों की सफाई के सवाल पर वेबसाइड का नाम बताकर खानापूर्ति करने का काम किया जा रहा है। हालांकि इस आरटीआइ के सवाल पर प्रपत्रों पर जवाब न मिलने पर प्रथम अपील दाखिल की गई थी। इसके बाद मंत्रालय ने केवल खर्च का ब्योरा दिया, जबकि प्रदूषण से नदियां कितनी मुक्त हुईं इस सवाल पर चुप्पी साध गए।
नदियों की सफाई में खर्च का ब्योरा
वित्तीय वर्ष बजट खर्च
2014-15 326.00 170.00
2015-16 1,632.00 602.60
2016-17 1675.00 1062.00
2017-18 1423.22 1625.11
2018-19 1075.00 1447.31
कुल बजट 6131.22 4908.82
नोट: यह आंकड़े आरटीआइ में नदी विकास गंगा सफाई मिशन मंत्रालय से प्राप्त हैं। सभी आंकड़े करोड़ में हैं।