देश के लोकप्रिय कप्तानों में मुरादाबाद के एसएसपी का भी नाम, टाप 50 पुलिस कप्तान की सूची में हुए शामिल, जानिय अधिकारी की सफलता का क्या है मंत्र
चुपचाप दिलों को जीतने का हुनर मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी से बेहतर शायद ही कोई जानता हो। दृढ़ इच्छाशक्ति प्रतिबद्धता व अनुशासित जीवन शैली के धनी आइपीएस अफसर का नाम देश के उन होनहार पुलिस अफसरों की सूची में शामिल है जो लोकप्रियता का आसमां छू रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। चुपचाप दिलों को जीतने का हुनर मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी से बेहतर शायद ही कोई जानता हो। दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रतिबद्धता व अनुशासित जीवन शैली के धनी आइपीएस अफसर का नाम देश के उन होनहार पुलिस अफसरों की सूची में शामिल है, जो लोकप्रियता का आसमां छू रहे हैं। फेम इंडिया मैगजीन ने एशिया पोस्ट सर्वे में वर्ष 2021 में देश के अब तक के सबसे लोकप्रिय 50 कप्तानों की सूची जारी की है। इसमें मुरादाबाद के एसएसपी का नाम भी शामिल है।
बात अगस्त 2016 की है। देवरिया के तत्कालीन एसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला अचानक पड़ोसी जनपद बलिया हो गया। महज सात माह में एसपी के अप्रत्याशित तबादले ने शहर को उद्वेलित किया। सरकार के निर्णय के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे। पुलिस के धुर विरोधी कहे जाने वाले अधिवक्ताओं ने भी धारणाएं तोड़ दीं। प्रभाकर चौधरी के तबादले का उन्होंने पुरजोर विरोध किया। यह अलग बात रही कि विरोध प्रदर्शन का असर तबादले पर नहीं पड़ा। लेकिन, देवभूमि की इस ऐतिहासिक घटना ने साबित कर दिया कि स्वच्छ और ईमानदार छवि वाला युवा पुलिस अफसर चुप रह कर भी जनता का दिल जीतना बखूबी जानता है।
ईमानदार छवि
एसएसपी के रूप में तैनाती के तत्काल बाद मातहतोें की क्राइम मीटिंग को संबोधित करते प्रभाकर चौधरी ने कहा था कि उनकी बस तीन प्राथमिकताएं हैं। तीनों ही बार उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार मुक्त पुलिसिंग की बात की। भ्रष्टाचार मुक्त पुलिसिंग सिर्फ दावे तक नहीं सिमटी। ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमे तक की कार्रवाई की गई, जो भ्रष्टाचार में लिप्त मिले। महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते दस वर्षों से वह मोर्चा खोले हुए हैं।
अनुशासन व प्रतिबद्धता
यह छिपी बात नहीं कि अति व्यस्तता व बड़े दायित्व की दलील देकर प्रशासनिक अफसर आम लोगों से मिलने में कतराते हैं। इसके इतर प्रभाकर चौधरी के पास आम लोगाें के लिए ही नहीं बल्कि मातहतों के लिए भी भरपूर वक्त है। वह ठीक सुबह दस बजे कार्यालय पहुंचते हैं। पहले पुलिस कर्मियों से मिलते हैं। उनकी समस्या का समाधान करने के बाद जनता की वेदना समझते हैं। प्रयोगधर्मी पुलिसिंग के वह बड़े पक्षकार हैं।
रोज लगाते हैं छह किमी दौड़
व्यस्त दिनचर्या के बाद भी प्रभाकर चौधरी स्वास्थ्य के प्रति बेहद सजग हैं। यही वजह भी है कि 36 वर्ष की उम्र में भी वह 25 वर्ष के युवा लगते हैं। प्रतिदिन छह किमी दौड़ उनकी दिनचर्या में शामिल है। शाम के वक्त एक से डेढ़ घंटे तक बैंडमिंटन खेलना वह नहीं भूलते। एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग कर चुके मुरादाबाद के एसएसपी मातहतों को भी शरीर स्वस्थ रखने के लिए प्रेरित करते हैं।