सम्भल में आंखों के सामने मां का कत्ल, मासूमों के शरीर पर पड़े खून के छींटे
जम्मू कश्मीर में मजदूरी करता था पति लॉकडाउन में घर आकर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करने लगा था। शनिवार को वापस जाने से पहले की वारदात।
सम्भल। सराय सादक में मौत का तांडव रचने वाले तसलीम के सिर पर खून सवार था। जब उसने अपनी पत्नी शहनाज की हत्या की तो उसके लिए उसके मन मेंं न दर्द था न प्यार। उसके इस कदम ने एक हंसते खेलते घर को बर्बाद कर दिया। जिस समय उसने वारदात को अंजाम दिया उसका चश्मदीद कोई और नहीं उसकी दो बेटियां ही बन गई। दोनों मासूमों की उम्र भी महज पांच से सात साल के बीच थी। जिस समय उसने घटना को अंजाम दिया उस समय दोनो बेटियां पिता से मां की जान बख्शने का रहम मांगती रही लेकिन उनके अब्बू का दिल नही पसीजा।
बेटियाें के सामने ही पिता का कत्ल किया। मां के खून के छींटे तक बेटियों के कपड़े पर लग गए। दोनों बेटियों को धमकी दी कि चुप रहो नही तो तुम्हारा भी गला काट दूंगा। बेटियां दहशत में थी और पिता उनके सामने ही दीवार कूदकर फरार हो गया। किसी तरह दोनों मासूमों ने इस घटना से अन्य को अवगत कराया। जम्मू कश्मीर में मजदूरी करने वाला तसलीम कोरोना की वजह से हुए लॉक डाउन में अपने घर आ गया था। कोई काम नहीं बचा था ऐसे मे परिवार चलाने के लिए उसने कुम्हार बन गया। यानी मिटटी के बर्तन बनाकर बेचने लगा। मुरादाबाद रोड के पास ही सिरसी में उसने दुकान सजाई और पैसे कमाने लगा। जम्मू कश्मीर में जहां वह काम करता था वहां से भी उसे बुलावा आ गया। ऐसे में उसने जाने का फैसला किया। उसे रविवार को जाना था और जाने से पहले ही उसने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
15 दिन पहले ही नए मकान में बना था किराएदार
तसलीम की पत्नी शहनाज अपने चारों बच्चों के साथ अपनी बड़ी बहन के घर पर रहती थी। बहन के पति कौसर अब्बास की मकान है। लॉक डाउन में आने के बाद वह भी यहीं रहता था। अचानक से 15 दिन पहले उसने पत्नी से वहां से हटने को कहा। पत्नी भी चाैक गई। उसी मोहल्ले में थोड़ी दूरी पर ही उसने किराये का कमरा ले लिया और रहने लगा। महज 15 दिन रहने के बाद उसने घटना को अंजाम दिया और भाग निकला।
पत्नी पर करता था शक
पड़ाेसियों के अनुसार तसलीम अपनी पत्नी पर शक करता था। इसे लेकर वह आए दिन पत्नी के साथ लड़ाई भी करता था। लोगों का कहना है कि इसी वजह से उसने अपनी पत्नी को किराए के नये मकान में रखा लेकिन वहां भी दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा जारी रहा और उसने इस वारदात को अंजाम दिया।
बेटी बोली अब्बू अम्मी को छोड़ दो
घटना के वक्त बेटी सायमा और सुमायला ही थीं। सायमा कहती है कि मैंने पिता से मन्नतें की। अब्बू, अम्मी को छोड़ दो लेकिन उन्होंने अम्मी को मार दिया और भाग गए।