सांसद आजम खां की बहन भी कानूनी शिकंजे में, 30 मुकदमों में आ रहा नाम
सांसद आजम खां की बहन निखत अफलाक का नाम भी विवेचना में आ रहा है। पुलिस ने पिछले साल इन्हे थाने ले जाकर भी पूछताछ की थी।
रामपुर (मुस्लेमीन)। सांसद आजम खां के समर्थकों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। उनकी पत्नी और बेटे का नाम भी 30 मुकदमों में शामिल कर दिया गया है। ये मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीनें कब्जाने से संबंधित हैं। इस यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट चलाता है और आजम खां की पत्नी व बेटे भी ट्रस्ट के सदस्य हैं। आजम खां की बहन निखत अफलाक ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं। पुलिस उन्हे थाने ले जाकर पूछताछ भी कर चुकी है। अब उनका नाम भी विवेचना में आ रहा है।
जौहर यूनिवर्सिटी आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 18 सितंबर 2006 को इस यूनिवर्सिटी का शिलान्यस हुआ था, तब सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव 52 मंत्रियों के साथ रामपुर आए थे। 2012 में इसका उद्घाटन हुआ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पूरी सरकार के साथ यहां आए थे। यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर पहले से ही विवाद रहा। 2007 में बसपा की सरकार बनी तब भी यूनिवर्सिटी की दीवारों पर बुल्डोजर चले थे। लेकिन, अब इसकी जमीन उनके परिवार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। पिछले साल जुलाई माह में 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में उनकी जमीन जबरन कब्जा कर यूनिवर्सिटी में मिला ली गई। इसमें आजम खां को नामजद किया गया। आजम जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और यह ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी को चलाता है। ट्रस्ट के नाम ही जमीन है। जमीने कब्जाने के तीन मुकदमे प्रशासन ने भी कराए थे। अब इन सभी मुकदमों में आजम खां के साथ ही उनकी पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भी आरोपित कर दिया गया है। इनके खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी गई है। ये दोनों जौहर ट्रस्ट के सदस्य हैं।
ट्रस्ट के सभी सदस्य शिकंजे में
पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम का कहना है कि मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की कमेटी में जो भी सदस्य हैं, उन सबके नाम विवेचना में आ रहे हैं। इनके खिलाफ सुबूत जुटाए जा रहे हैं। ट्रस्ट के नाम जो भी गड़बड़ी की गई है, उसके लिए ट्रस्ट की कमेटी के सदस्य जिम्मेदार हैं। इसीलिए इनके नाम भी विवेचना में सामने आए हैं।