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एनजीटी की जांच में भी फंस रहे सांसद आजम खां Rampur News

सांसद आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी के लिए शासन से इस जमीन की मांग की थी लेकिन शासन ने आवंटन नहीं किया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 01:20 PM (IST)
एनजीटी की जांच में भी फंस रहे सांसद आजम खां Rampur News
एनजीटी की जांच में भी फंस रहे सांसद आजम खां Rampur News

रामपुर,जेएनएन: सांसद आजम खां के खिलाफ प्रशासन लगातार मुकदमे करा रहा है। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीनें कब्जाने के आरोप में 29 मुकदमे थाने में दर्ज कराए जा चुके हैं। उन्हें भू-माफिया भी घोषित किया जा चुका है। अब एनजीटी की जांच में भी फंसते नजर आ रहे हैं। एनजीटी में शिकायत हुई थी कि उन्होंने कोसी नदी क्षेत्र की जमीन जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली है। पक्का निर्माण करा लिया है। इसे गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच कमेटी ने यूनिवर्सिटी पहुंचकर दो दिन जांच की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि कोसी नदी क्षेत्र की जमीन पर पक्का निर्माण कराया गया है, जो नियमों के खिलाफ है।

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जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के आदेश पर 25 मई को राजस्व विभाग की एक टीम यूनिवर्सिटी में पैमाइश के लिए गई थी। टीम का आरोप है कि उन्हें पैमाइश नहीं करने दी गई। टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम को दी। डीएम के आदेश पर नायब तहसीलदार सदर केजी मिश्रा ने अजीमनगर थाने में तहरीर दी। रिपोर्ट में आजम खां समेत यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आर कुरैशी और मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां को नामजद किया गया। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि आजम खां ने यूनिवर्सिटी के लिए शासन से इस जमीन की मांग की थी, लेकिन शासन ने आवंटन नहीं किया। मई माह में इस जमीन के बारे में शासन द्वारा आख्या मांगी गई, तब पता चला कि यह जमीन आवंटन से पहले ही कब्जा ली गई। इसपर पांच हेक्टेयर जमीन कब्जाने में रिपोर्ट कराई कराई गई।

अफसरों की टीम ने माना कोसी नदी क्षेत्र में नियमों के खिलाफ कराया पक्का निर्माण

आजम खां के खिलाफ थाने में रिपोर्ट होने के बाद पर्यावरणविद शैलेष सिंह की ओर से एनजीटी में याचिका दाखिल की गई। याचिका में कोसी नदी के डूब क्षेत्र की जमीन पर निर्माण से नदी के बहाव में अवरोध पैदा करने तथा जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरा पैदा करने का आरोप लगाया गया। एनजीटी ने जांच के आदेश दिए। इसपर डीएम ने कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। कमेटी में शामिल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अजय शर्मा और नगर मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता ने आठ और नौ अगस्त को यूनिवर्सिटी पहुंचकर मामले की जांच की। कमेटी ने पाया कि कोसी क्षेत्र में पक्का निर्माण हुआ है। यह रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी दे दी गई है। डीएम ने बताया कि नदी की जमीन सार्वजनिक उपयोग की जमीन है। सामान्यता यह किसी को नहीं दी जा सकती। इसमें कोई पक्का निर्माण भी नहीं किया जा सकता है। ऐसा शासन का नियम भी है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है। डीएम का कहना है कि इस रिपोर्ट को एनजीटी को भेजेंगे, जो रिपोर्ट देखने के बाद आदेश जारी करेगा।

शासन से खरीदी है जमीन

यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खां इस बारे में पहले ही अपना पक्ष मीडिया के सामने रख चुके हैं। उनका कहना है कि हमने कोई जमीन नहीं कब्जाई है। चालीस लाख रुपये देकर जमीन खरीदी है। हमने नदी क्षेत्र में कोई कब्जा नहीं किया है और नियमों के खिलाफ कोई काम नहीं किया है।

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