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पुलिस महकमे के उच्‍च अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहे मुरादाबाद के पुलिस कर्मी,

तमाम हिदायतों के बावजूद कुछ पुलिस कर्मी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ रही है। एसएसपी ने ऐसे लोगों को आगाह किया है। एक माह में 12 से अधिक पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 09:06 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:06 AM (IST)
मुरादाबाद के कुछ पुलिस कर्मी लगातार लापरवाह बने हुए हैं।

मुरादाबाद, जेएनएन। दायित्व के प्रति ईमानदारी व कर्तव्य के प्रति समर्पण और निष्ठा का जो पाठ खाकी ने पढ़ा और उसकी शपथ ली, उसे वह भूलने लगी है। पुलिस वाले अपने सामाजिक व नैतिक उत्तरदायित्व को दरकिनार कर उच्चाधिकारियों से आंख मिचौली व जनता को गुमराह करने के खेल में जुटे हैं। यही वजह है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।

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लापरवाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएसपी ने एक तरह से अघोषित मुहिम छेड़ दी है। बीते करीब सवा माह का एसएसपी का कार्यकाल इसे प्रमाणित करता है। मूंढापांडे थाना क्षेत्र के करनपुर चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी बुधवार रात अपनी ही लापरवाही की भेंट चढ़ गए। प्रकरण में थाना प्रभारी मूंढापांडे नवाब सिहं के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। थाना प्रभारी व करनपुर चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने समय रहते अपने दायित्व का निर्वाह नहीं किया। पुलिस कर्मियों ने यदि अपनी भूमिका से न्याय किया होता, तो छेड़खानी की शिकार पीड़िता के पिता की हत्या टल गई होती। पुलिस कर्मी समय से यदि मौके पर पहुंचे होते और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होती, तो दो पक्षों के बीच टशन पर काबू पा लिया गया होता। सीओ हाईवे से मिली इस रिपोर्ट के बाद ही एसएसपी ने थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच व करनपुर चौकी प्रभारी को निलंबित करते हुए उनके सहयोगी उपनिरीक्षक व सिपाहियों को लाइन हाजिर करना पड़ा। यह घटना तो महज बानगी है। सवा माह के भीतर ऐसे कई मामले उजागर हुए, जिसने खाकी की छवि धूमिल की। मझोला थाना क्षेत्र के जयंतीपुर चौकी इंचार्ज रहे रियाज हैदर जैदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। दहेज के मुकदमे में एक पक्ष से 20 हजार रुपये लेने का आरोप लगा। भगतपुर थाने की मानपुर चौकी पर तैनात सभी पुलिस कर्मियों पर अवैध खनन व भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगे। यहां तक कि डिलारी के निवर्तमान थाना प्रभारी गजेंद्र त्यागी भी रुपये लेने के आरोपों से खुद को बचा नहीं सके। इससे संबंधित वीडियाे सोशल मीडिया में वायरल हुई।

कांठ में चार सिपाहियों के धनउगाही में लिप्त होने से संबंधित आडियो एसएसपी तक पहुंच गई। ऐसी घटनाओं में लिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए एसएसपी ने उन्हें लाइन हाजिर ही नहीं किया, बल्कि निलंबन व मुकदमे तक की कार्रवाई की। इसके बाद भी खाकी सबक लेने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि एसएसपी को दूसरी क्राइम मीटिंग में मातहतों से दो टूक कहना पड़ा कि वह सुधर जाएं। अन्यथा अपने ही कप्तान की कलम से जेल भेज दिए जाएंगे।

जिले में तैनाती के तत्काल बाद भ्रष्टाचार को लेकर दो टूक संदेश मातहतों को दे दिया गया था। इसके बाद भी शिकायतों का दौर थम नहीं रहा है। किसी भी पुलिस कर्मी की भ्रष्टाचार में संलिप्तता व दायित्व के प्रति लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी। जनता पुलिस को अपना मित्र समझे और पुलिस खुद को जनसेवक यह प्रयास जारी रहेगा।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी मुरादाबाद। 


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