CM Yogi Adityanath के सामने मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग की हुई फजीहत, सीएमओ ने डॉक्टरों का किया तबादला
CM Yogi Adityanath Virtual Meeting जननी सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत योजना समेत अन्य योजनाओं में लापरवाही बरती जा रही थी। मुख्यमंत्री की मंगलवार को हुई बैठक में फजीहत के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 12-12 साल से जमे चिकित्सा अधीक्षकों को हटा दिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। CM Yogi Adityanath Virtual Meeting : जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत योजना समेत अन्य योजनाओं में लापरवाही बरती जा रही थी। मुख्यमंत्री की मंगलवार को हुई बैठक में फजीहत के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 12-12 साल से जमे चिकित्सा अधीक्षकों को हटा दिया है। सभी का स्थान परिवर्तन करने के साथ ही तत्काल नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही स्वयं खर्च किए जाने वाली धनराशि का भुगतान भी अधर में लटक गया है। इस प्रकरण में सीएमओ ने कांठ चिकित्सा अधीक्षक को हटाने के बाद पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
चिकित्सा अधीक्षक डा. नरेंद्र कुमार अप्रैल 2010 से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मूंढापांडे में तैनात थे। अब इन्हें कुंदरकी भेजा गया है। चिकित्सा अधीक्षक डा. मुहम्मद अशरफ को भोजपुर मूंढापांडे भेजा गया है। ये भोजपुर में अक्टूबर 2014 से तैनात थे। डा. मुहम्मद असलम जुलाई 2012 से ठाकुरद्वारा में थे। अब इन्हें भोजपुर भेजा गया है। डा. ग्रीश कुमार नवंबर 2014 से डिलारी में थे। अब इन्हें जिला कारागार का चिकित्सा अधीक्षक के पद पर भेजा गया है। डा. प्रेम सिंह सीएचसी मूंढापांडे चिकित्साधिकारी दिसंबर 2021 को अब चिकित्सा अधीक्षक डिलारी के पद पर भेजा गया है। चिकित्सा अधीक्षक कुंदरकी डा. राजपाल सिंह दिसंबर 2016 से तैनात थे। अब इन्हें ठाकुरद्वारा चिकित्सा अधीक्षक के पद पर भेजा गया है। इन सभी को स्वयं कार्य मुक्त होकर तत्काल नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग करने का निर्देश दिया गया है।
लापरवाही एकः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांठ, मूंढापांडे में पेड बाइ मी के तहत लाखों की गड़बड़ी 2019 में सामने आई थी। एनयूएचएम निदेशक के 2021 में पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची थी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कांठ के एमओआइसी डा. मृणाल राठी पर कार्रवाई करने के बाद बाकी को क्लीन चिट देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जबकि अतिरिक्त पैसा सरकार के खाते में वापस होना था। अभी तक न तो अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई और न ही पैसा वापस आया।
लापरवाही दोः वर्ष 2021 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोजपुर में जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी के खाते में दो बार पैसा ट्रांसफर कर दिया गया। इस तरह के मामले अन्य सीएचसी-पीएचसी पर भी देखने को मिले थे। इसको लेकर मिशन निदेशक ने आपत्ति जताई थी। जिले पर जांच होने के बाद पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वहीं दो साल बाद एक लाभार्थी के खाते में पैसा भेजा गया। जबकि नियम के मुताबिक प्रसव के नौ माह के अंदर लाभार्थी को पैसा पहुंच जाना चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकारीः मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि सालों से प्रभारी चिकित्सा प्रभारी जमे थे। रिपोर्ट बनाकर सभी काे स्थानांतरित कर दिया गया है। बाकी दूसरे मामलों में भी जांच कराई जा रही है। आयुष्मान कार्ड मामले में जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र नाम टोटल पैसा, अनुमन्य अनियमितता
कांठ डा. मृणाल राठी 5,10,823, 37,905 4,72,918
भगवान सिंह 95, 848 16,130 79,718
नरेंद्र कुमार 30, 881 9882 20,999
मूंढापांडे कुलदीप 97,704 8,200 83,504
दानवीर वार्ड ब्वाय 1,48,125, 18,725 1,29,400
एमओआइसी डा. नरेंद्र 1,03,235 35,630 67,605
ठाकुरद्वारा रामपाल सिंह 1,63,802, 27,860, 1,25,942
आशु गुप्ता लेखा प्रबंधक 4,25,089 412,289 12,800
टोटल, 15,69,507 5,66,621 9,92,886
नोट : 2021 में घपला पकड़ में आने के बाद न तो कार्रवाई हुई और न ही पैसा जमा कराया गया है। अभी तक यह फाइल भी बंद नहीं हुई है।