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Moradabad Gram Panchayat Chunav Result 2021 : दिन भर उड़ती रही आचार संहिता की धज्जियां, रालोद नहीं खोल पाई खाता

Moradabad Gram Panchayat Chunav Result 2021 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद से जिले भर में आचार संहिता और कोविड की सुरक्षा गाइड लाइन की खूब धज्जियां उड़ाई गई। जगह-जगह प्रत्याशियों ने फूल माला पहनकर समर्थकों के साथ जुलूस निकाले।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 04:12 PM (IST)
Moradabad Gram Panchayat Chunav Result 2021 : दिन भर उड़ती रही आचार संहिता की धज्जियां, रालोद नहीं खोल पाई खाता
इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिए गए। लोगाें ने इसे भी खूब पोस्ट किया।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद से जिले भर में आचार संहिता और कोविड की सुरक्षा गाइड लाइन की खूब धज्जियां उड़ाई गई। जगह-जगह प्रत्याशियों ने फूल माला पहनकर समर्थकों के साथ जुलूस निकाले। ढाेल नगाड़े बजने के साथ ही आतिशबाजी भी हुई। जीत के जश्न की पुलिस और प्रशासन से शिकायत भी हुई, पर पुलिस कार्रवाई करने से हिचकती रही। जबकि, लोगों ने वीडियो बनाकर साक्ष्य के तौर पर दिए। प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर वीडियो और फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिए गए। लोगाें ने इसे भी खूब पोस्ट किया।

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लोगों का कहना था कि कोरोना महामारी के बीच इस प्रकार से जश्न मनाना कोरोना से जान गंवाने वालों का मजाक उड़ाने जैसा है। दिल्ली से मुरादाबाद आए शरीफ नगर निवासी ने भी वहां के प्रत्याशी के जुलूस को लेकर वीडियो सहित जिलाधिकारी, एसपी देहात से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

पंचायती राज मंत्री के वार्ड में मिली हार

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शुरुआती दौर में आधी से अधिक सीट जीतने का दावा किया था। पर उन्हें दस सीटों पर जीत मिली। हालांकि, पिछली बार की तुलना इस बार सात सीटें ज्यादा हैं। वहीं पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के पैतृक गांव वाले वार्ड 12 में सपा प्रत्याशी को बड़े अंतर से जीत मिली।

रालोद नहीं खोल पाई खाता

राष्ट्रीय लोकदल ने भी पंचायत चुनाव में दम भरा था। मुरादाबाद की जाट बाहुल्य सीटों पर पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारे गए। वोट भी जुटाए पर एक भी सीट जीत नहीं पाई। हालांकि, इससे भाजपा का गणित जरूर बिगड़ गया। रालोद जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी का कहना है कि पार्टी ने जो प्रत्याशी उतारे थे, उन्हें वोट मिले हैं। हमने यह साबित किया है कि किसान कानूनों पर चल रहा विरोध केवल दिखावा नहीं है।

आधे से अधिक सीटों पर जीतीं महिलाएं

जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी इस बार महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। इसके चलते जिला पंचायत के वार्ड में महिला उम्मीदवार भी मैदान में ज्यादा थीं। 39 सीटों में से 21 पर महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। जिला पंचायत अध्यक्ष भी महिला ही होनी है। इसलिए इस बार देखना रोचक होगा कि महिलाओं के बहुमत वाली जिला पंचायत कार्यकारिणी जिले के विकास को लेकर क्या मानक स्थापित करेगी। 


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