Move to Jagran APP

अनलॉक में राजनीति चमका रहे मुरादाबाद के निर्यातक, श्रेय लेने की लगी होड़

सारे पुराने नेताओं ने ताने दे-देकर उसका जीना मुहाल कर दिया। रोज पानी पीकर कोस रहे हैं कि हमने पूरी जिंदगी कांग्रेस की सेवा में लगा दी पर हमारे आगे कद्दावर नहीं जुड़ सका।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 05:10 PM (IST)
अनलॉक में राजनीति चमका रहे मुरादाबाद के निर्यातक, श्रेय लेने की लगी होड़
अनलॉक में राजनीति चमका रहे मुरादाबाद के निर्यातक, श्रेय लेने की लगी होड़

मुरादाबाद (तरूण पाराशर)। अनलॉक में निर्यातक अपने-अपने काम में जुटे हुए हैं तो कुछ राजनीति चमकाने में। कुछ में तो अभी ताजा-ताजा ही दोस्ती हुई तो कुछ में दुश्मनी ठन रही है। हालांकि, राजनीति किसी भी स्तर की हो, उसमें दोस्ती और दुश्मनी स्थाई नहीं होती है। इनकी यारी दोस्ती और दुश्मनी के बारे में तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल तो जबरदस्त मुकाबला चल रहा है। पिछले दिनों कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। निर्यातकों को मेंटिनेंस चार्ज में कुछ छूट मिली लेकिन, छूट पाने की शर्तें इतनी जबरदस्त थीं कि लोगों ने उसे न लेना ही बेहतर समझा। क्योंकि छोटी सी छूट पाने के लिए उन्हें मोटा भुगतान करना पड़ता। लॉकडाउन में पहले ही परेशान निर्यातक उस फीस को भरने के मूड में नहीं थे तो योजना हवा हवाई साबित हुई। इसके बाद से तो दूसरे पक्ष को भी अपनी सफलता का दावा करने वालों की हवा निकालने का पूरा मौका मिला।

loksabha election banner

अब हमसे बढ़कर कोई नहीं

पिछले दिनों सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार की घोषणा की। मुरादाबाद के भी दो ब्लॉक अच्छे कार्य के चलते चयनित हुए। जैसे ही ब्लाक प्रमुखों को इसकी जानकारी तो खुशी मनाई जाने लगी। सभी जगह अपने कार्यो का ढिंढोरा पीटा गया और खूब पिटवाया। ऐसे में वे ब्लॉक प्रमुख जिनके ब्लॉक का चयन भी नहीं हुआ था वह भी अपने कामों की प्रशंसा करने लगे और ऊपर वाले अपने परिचित नेताओं को फोन करके चयनित ब्लॉकों की खामियां बनाने लगे। हालांकि जिन ब्लॉकों में यह काम हुआ और चयनित हुए उनके प्रमुखों को यह भी नहीं पता कि उनके ब्लॉक का चयन किस आधार पर हुआ है। उनका उन कार्यो को पूरा कराने में क्या योगदान रहा। पूछने पर एक ही जवाब होता है कि हमने बहुत मेहनत की। दिन रात अधिकारियों के साथ मिलकर कार्यो का निष्पादन कराया। अब चयन हुआ है तो श्रेय उनको ही मिलेगा।

न रुका न रुकेगा

मिट्टी और अवैध खनन का काम टॉप गियर में है। कांठ रोड दिल्ली रोड पर और रामपुर रोड या कहें कि महानगर के किसी ने प्रमुख स्थान पर खड़े हो जाइए। रात को एक बजे के बाद मिट्टी के ट्रक रफ्तार पकड़ते हैं। कारण दिन निकलने से जल्दी-जल्दी फेरे लगाने होते हैं। नई बस रही कॉलोनियों में तो रात में दिन से भी ज्यादा धूल इन ट्रकों की वजह से उड़ती है। आखिर ऐसा कारण क्या है कि वर्दी आजकल तो सत्ताधारी दल के नेताओं को लिए राहत दे रही है। इन ट्रकों को देखते ही जाने का ग्रीन सिग्नल दे देती है। वजह एक ही है कि यह ट्रक किसी मामूली आदमी के नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के चुने हुए लोगों के संरक्षण में चलते हैं। ऐसे में इन्हें न रोकने में डबल फायदा है। एक तो ट्रांसफर आदि का खतरा नहीं, दूसरा कुछ हिस्सा भी मिल जाता है।

सफाई देते-देते हुए परेशान

हाथ के पंजे वाले इन दिनों अपनी जड़ें फिर से मजबूत करने में लगे हैं। स्थानीय नेता भी हाईकमान से मिले निर्देशों का पालन करने में खूब दमखम लगा रहे हैं। वहीं कोरोना के डर से कुछ नेता पूरी तरह अंडर ग्राउंड हो गए हैं। कारण यह कि इस बार उन्हें पार्टी में कोई पद नहीं मिला है, तो वह लोगों से मिलजुल कर पार्टी की नीतियों को आगे पहुंचाने का कार्य करके रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं। वहीं पार्टी में एक नई जंग छिड़ गई है। पिछले दिनों एक युवा नेता के नाम के आगे कद्दावर नेता प्रकाशित हो गया। इसके बाद तो उसकी पार्टी में जबरदस्त फजीहत हो रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.