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मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग का अजब खेल, सीएचसी-पीएचसी पर हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं, फिर भी मंगवा ली दवाएं

Moradabad Expired Medicine Case औषधि भंडार में काम की दवाएं कम बिना जरूरत की दवाओं का भंडारण केंद्र बना दिया गया है। जिला मुख्यालय के साथ सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लायर्स कारपोरेशन ने दवाओं की खेप पहुंचवा दी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 01:35 PM (IST)
Expired Medicine Case : 2019 में आइ दवा को वापस क्यों नहीं किया गया

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Expired Medicine Case : औषधि भंडार में काम की दवाएं कम, बिना जरूरत की दवाओं का भंडारण केंद्र बना दिया गया है। जिला मुख्यालय के साथ सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। लेकिन, उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लायर्स कारपोरेशन ने दवाओं की खेप पहुंचवा दी। नतीजा यह निकला कि मरीजों को दवा मिली नहीं और हृदय रोग की दवा एक्सपायर हो गई। इसके लिए भंडार स्वामी ने कोई रिमाइंडर कारपोरेशन तक को नहीं भेजा।

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2019-20 में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लायर्स कारपोरेशन से जिले के भंडारण में आइ तकरीबन 17 लाख रुपये की दवा एक्सपायर हो गईं। इसके लिए दावा किया जा रहा था कि हमने सब पोर्टल पर दर्ज किया हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरद्वारा, डिलारी, कुंदरकी, बिलारी, मूंढापांडे, ताजपुर, शरीफ नगर, कांठ में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। चिकित्सा अधिकारी भी हृदय रोगियों को फौरन ही हायर सेंटर रेफर कर देते हैं।

उन्हें भी यह पता नहीं है कि प्राथमिक तौर पर हृदय रोगियों को दवा देकर स्थिर वाली स्थिति में लाया जा सकता है। हृदय रोग की दवा है यह जानकारी खुद चिकित्सा प्रभारी तक को नहीं है। इससे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। औषधि भंडार प्रभारी डीएस नेगी ने इस बात की भी जरूरत नहीं समझी कि कौन सी दवा उनके लिए उपयोगी है कौन सी दवा उपयोगी नहीं है। उन्होंने स्टाक लेकर एक तरफ रखवा दिया। इसके बाद उन्होंने भी चेक करने की जहमत तक नहीं उठाई कि जनता की गाढ़ी कमाई से मिली दवा क्यों बेकार कराई जाए।

क्या है मामलाः लाखों रुपये की दवा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की भेंट दवाएं चढ़ गईं। हृदय, उल्टी-दस्त, एंटी बायोटिक, एंटी सेप्टिक लोशन समेत तमाम दवाएं एक्सपायर हो गईं। 29 प्रकार की दवा मंडलीय औषधि भंडार में 13 लाख 99 हजार 691 एक्सपायर हो गई। इन दवाओं की कीमत 16 लाख 89 हजार 266 रुपये 97 पैसे पोर्टल पर दर्ज हैं। यह दवाएं 2019-20 से मंडलीय औषधि भंडार में रखी हैं।

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लायर्स कारपोरेशन की ओर से सभी दवाएं भेजी गई थीं।औषधि भंडार प्रभारी ने बताया कि औषधि आने के बाद जांच के लिए भेजी गई थीं। हृदय रोग की दवा वहीं से आइ थी। हृदय रोग विशेषज्ञ हैं या नहीं इसका मुझे पता नहीं। जो दवाएं मिलीं। उसकी पूरी डिटेल पोर्टल पर है।


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