हिंंदू कालेज में फीस जमा करने के बाद प्रवेश निरस्त, छात्रों का हंगामा
Moradabad education news सीट लॉक न कराने के कारण निरस्त हुए प्रवेश। छात्रों का आरोप महाविद्यालय प्रबंधन ने नहीं दी सीट लॉक कराने की सूचना। शिवा शर्मा व महानगर मंत्री सचिन सिंह का कहना है कि अगर कॉलेज प्रबंधन छात्रों का प्रवेश नहीं लेता है तो आंदोलन किया जाएगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। हिंदू कॉलेज में फीस जमा करने के बाद भी कई छात्रों के प्रवेश निरस्त कर दिए गए। इसको लेकर छात्रों ने शनिवार को काॅलेज में हंगामा किया। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने सूचना दिए बिना ही उनके प्रवेश को निरस्त कर दिया। इससे करीब 300 से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
महाविद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित कराने की अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। लेकिन, कई छात्र ऐसे रहे जिन्होंने पंजीकरण कराने के बाद फीस तो जमा कर दी। लेकिन, सीट लॉक नहीं करा पाए। ऐसे छात्रों को एक अक्टूबर को कॉलेज प्रबंधन की ओर से प्रवेश निरस्त होने का मैसेज भेजा गया। कॉलेज पहुंचे छात्रों ने जमकर हंगामा काटा। छात्रों का कहना था कि कॉलेज की ओर से फीस जमा करने का मैसेज भेजा गया था तो बाद में सीट लॉक कराने का मैसेज क्यों नहीं भेजा गया। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने जानबूझ कर उनकी सीटों पर अन्य छात्र एवं छात्राओं को प्रवेश दे दिया।
सता रहा साल खराब होने का डर
छात्रों का कहना है कि कॉलेज की इस लापरवाही के कारण अब उनपर साल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि, अन्य महाविद्यालयों में भी प्रवेश की समय सीमा निकल चुकी है। कई छात्र ऐसे हैं जिन्होंने हिंदू कॉलेज के अलावा प्रवेश के लिए कहीं और आवेदन नहीं किया था। एबीवीपी ने दी आंदोलन की चेतावनीछात्रों की समस्याओं को लेकर एबीवीपी ने शनिवार को प्राचार्य से मुलाकात की। शिवा शर्मा व महानगर मंत्री सचिन सिंह का कहना है कि अगर कॉलेज प्रबंधन निरस्त किए हुए छात्रों का प्रवेश नहीं लेता है तो सोमवार को आंदोलन किया जाएगा। एबीवीपी ने कॉलेज प्रबंधन को सोमवार तक का समय दिया है।
मेरा नाम मेरिट में था, फीस जमा करने का मैसेज कालेज की तरफ से आया था। लेकिन, सीट लॉक कराने का कोई मैसेज नहीं आया। अब बता रहे हैं सीट निरस्त हो गई है।
- आकांक्षा, छात्रा
कॉलेज प्रबंधन की ओर से ऐसा जानबूझ कर किया जा रहा है। हमारी सीटों पर अन्य छात्रों को प्रवेश दे दिए गए हैं ऐसे में अब हमारा साल बर्बाद हो जाएगा।
- राखी, छात्रा
कॉलेज को तीस सितंबर से पहले मैसेज भेजना था। हमें एक अक्टूबर को मैसेज किया गया कि सीट निरस्त हो गई। ऐसे में दो अक्टूबर को गांधी जयंती थी। हम क्या करें।
- पारुल, छात्रा
करीब 300 छात्र ऐसे हैं जिनके साथ ऐसा किया गया है। कॉलेज प्रबंधन को सीट लॉक कराने का मैसेज भेजना चाहिए था। लेकिन, सीधे सीट निरस्त करने का मैसेज भेजा।
- आशू सिंह, छात्र
विश्वविद्यालय की ओर से 30 सितंबर सीट लॉक कराने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। छात्रों की सीट उनकी लापरवाही के कारण निरस्त हुई हैं। अब हम कुछ नहीं कर सकते, जिनकी सीट निरस्त हुई है वे 20 अक्टूबर के बाद फीस वापस ले सकते हैं।
- डॉ. बीबी सिंह, प्राचार्य, हिंदू कॉलेज