मुरादाबाद जनपद की सहकारी समितियों ने प्रदेश सरकार को लगाया डेढ़ करोड़ का चूना
सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार चरम पर है। जनपद की 24 समितियां सरकारी खजाने को डेढ़ करोड़ रुपये का चूना अब तक लगा चुकी हैं। कई समितियां बंद होने के कगार पर हैं तो कई बंद होने के दंश झेल चुकी हैं।
मुरादाबाद (रईस शेख)! सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार चरम पर है। जनपद की 24 समितियां सरकारी खजाने को डेढ़ करोड़ रुपये का चूना अब तक लगा चुकी हैं। कई समितियां बंद होने के कगार पर हैं तो कई बंद होने के दंश झेल चुकी हैं। चंद समितियां ही ऐसी हैं जो किसानों को खाद व बीज की सुविधा मुहैया कराने में सक्षम हैं। सबसे बड़ा घोटाला अल्लापुर भीकन में 40.55 लाख रुपये का हुआ है।
घाटे में चल रही 24 सहकारी समितियां
सहकारिता के बल पर ही खेती उन्नति के रास्ते पर चलने में कामयाब हुई। सहकारिता से अनेक युद्ध जीते गए। फिलवक्त सहकारिता दम तोड़ती नजर आ रही है। जनपद में संचालित 58 सहकारी समितियों में 34 लाभ में हैं जबकि 24 घाटे में हैं। खासबात ये है कि किसानों से कर्ज वसूल करने के बावजूद कर्मचारियों ने राशि समिति के खाते में जमा नहीं की है। यानी किसान कर्ज अदा करने के बावजूद आज भी समितियों का कर्जदार हैं।
घाटे में समितियां-समितियां घाटा राशि
एफएसएस पाकबड़ा 01.44 लाख
एसएसएस शाहपुर 01.39 लाख
एसएसएस बीजना 10.63 लाख
एसएसएस दलपतपुर 01.74 लाख
एसएसएस खानपुर लक्खी 03.76 लाख
एसएसएस सरकड़ाखास 00.06लाख
एसएसएस मंढापांडे 01.20 लाख
एसएसएस रौंडा 08.63 लाख
एसएसएस देवीपुरा 01.83लाख
एसएसएस गुलडिय़ा 01.03 लाख
एफएसएस सेहल 03.61 लाख
एसएसएस सरकड़ाखास 06.01 लाख
एसएसएस मनकुआ 04.49 लाख
एसएसएस डिलारी 01.18लाख
एसएसएस मोहनपुर 00.06 लाख
एसएसएस अल्लापुर भीकन 40.55 लाख
एसएसएस बहादरपुर 01.96 लाख
एफएसएस थांवला 06.68 लाख
एसएसएस स्योंडारा 00.50 लाख
एसएसएस कुढ़ फतेहगढ़ 05.70 लाख
एसएसएस कुचावली 09.18लाख
एसएसएस मतलबपुर 22.27 लाख
एसएसएस फूलपुर मिठनपुर 18.12 लाख
एसएसएस सिहाली अकबरपुर 01.24 लाख
भ्रष्टाचार के आरोप-
भाकियू अराजनीतिक असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह व महासचिव चौधरी महक सिंह, प्रगतिशील किसान देवेंद्र सिंह-जगरम्पुरा कहते हैं कि सहकारिता चाटुकारों के चंगुल में फंस गई है। भ्रष्टाचार हावी है। किसानों को भरपूर लाभ नहीं मिल रहा है।
घाटे वाली समितियों को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। शासन को भी पत्र भेजा गया है।
उदय भानु सिंह, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता