Moradabad crime : वर्दी पर दाग लगाने से बाज नहीं आ रहे कानून के रखवाले, कई बार करा चुके फजीहत
अवैध वसूली व अपराधियों से साठगांठ के आरोप में पहले भी गिरी है गाज। काली करतूतों के कारण थाना प्रभारी और दारोगा पर हो चुकी है कार्रवाई। कुछ भ्रष्ट पुलिस वालों की वजह से पूरा विभाग ही बदनाम हो जाता है।
मुरादाबाद। कांठ थाने में तैनात चार पुलिस कर्मियों के भ्रष्टाचार की घटना पुलिस महकमे में नई नहीं है। इससे पूर्व भी भ्रष्टाचार कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पुलिस कर्मियों कार्रवाई हो चुकी है। वर्ष 2018 में कटघर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी रहे संजय गर्ग पर लुटेरों से साठगांठ व अपराधियों को अभयदान देने के एवज में तीन लाख रुपये लेने का आरोप लगा।
गंभीर आरोपों के मद्देनजर तत्कालीन एसएसपी जे. रविंद्र गौड़ ने जांच के आदेश दिए। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि थाना प्रभारी ने धन लोभ में पद का दुरुपयोग किया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गए। वर्ष 2019 में भोजपुर पुलिस ने दो सिपाहियों के खिलाफ अपहरण व अवैध वसूली के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। भोजपुर में तैनात सिपाही अक्षय उप्पल व मूंढापांडे मेंं कार्यरत सिपाही निखिल पंवार पर एक युवक का अपहरण करने व उसके स्वजनों से फिरौती की रकम वसूलने के प्रयास का मामला प्रकाश में आया। जांच में दोषी मिलने पर दोनों ही सिपाहियों को निलंबित करते हुए उनके बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। यहां तक कि दोनों जेल भेज दिए गए। यह घटनाएं महज बानगी हैं। मुरादाबाद पुलिस का इतिहास भ्रष्ट दर्जनों पुलिस कर्मियों की काली करतूतों से भरा पड़ा है।
भ्रष्टाचार में लिप्त कोई भी पुलिस कर्मी किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। पहले ही पूरे महकमे को आगाह किया जा चुका है। अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
प्रभाकर चौधरी, एसएसपी