गाजियाबाद में प्रवक्ता की नौकरी कर चुका है गबन का आरोपित सचिव, विवादों से रहा है पुराना नाता
मंडलायुक्त से की गई है शिकायत जांच के बाद आगे होगी कार्रवाई। जिलाधिकारी ने 27 मई 2019 को जांच के आदेश दिए थे। डीपीआरओ ने शिकायत सही पाए जाने पर नीरज और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा था। मुकदमा दर्ज ही नहीं कराया गया।
मुरादाबाद, जेएनएन। पत्नी की फर्म को 1.96 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोप में घिरे सेरुआ धर्मपुर गांव के ग्राम पंचायत विभाग अधिकारी (सचिव) नीरज कुमार सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। गाजियाबाद के मुरादनगर थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
2011 में पंचायत राज विभाग से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, इलाहाबाद के फर्जी पैनल के आधार पर नेहरू स्मारक विद्यालय सुराना, गाजियाबाद में प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई थी। नियुक्ति को लेकर फर्जीवाड़ा होने पर कॉलेज प्रशासन ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। भोला सिंह की मिलक के रहने वाले आरटीआइ सचिन कुमार ने मंडलायुक्त से की शिकायत में कहा है कि नीरज कुमार ने फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर फर्जी त्यागपत्र तैयार किया था। उन्होंने कालेज से त्यागपत्र नहीं दिया था, बल्कि उन्हें बर्खास्त किया गया था। हालांकि, नीरज ने दोबारा पंचायत विभाग में नौकरी पा ली थी। इससे पहले नीरज कुमार सिंह ने अपनी पत्नी की फर्म के नाम एक लाख 96 हजार रुपये का भुगतान कर दिया था। ग्रामीण अजीत सिंह, राजेंद्र सिंह और रामचंद्र आदि की शिकायत पर जिलाधिकारी ने 27 मई 2019 को जांच के आदेश दिए थे। डीपीआरओ ने शिकायत सही पाए जाने पर नीरज और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा था। परन्तु मुकदमा दर्ज ही नहीं कराया गया।
नीरज सिंह के खिलाफ अभिलेख उपलब्ध न कराने पर तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) छजलैट ने कोई कार्रवाई नहीं कराई। डीपीआरओ ने प्रधान पातीराम को भी दोषी माना था। लेकिन, डीपीआरओ ने उसे नीरज को पिछले महीने अंतरिम रूप से बहाल ही नहीं किया, बल्कि द्वारखेड़ा, उमरारा, उदयपुर नरौली और नियामतपुर गांव का चार्ज भी दे दिया। जिला पंचायत राज अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि नीरज सिंह के खिलाफ अभी जांच चल रही है। उसके खिलाफ मुकदमा लिखा गया था। जेल से जमानत पर होने पर उसे अंतरिम बहाल किया गया है। गाजियाबाद का क्या मामला है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।