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Moradabad coronavirus news : संक्रमण से स्‍वस्‍थ होने के बाद अब लांग कोविड का बढ़ा खतरा, इन बातों का रखें ध्‍यान

अब लोग लांग कोविड से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे में व‍िशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसका असर छह माह तक रहता है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दिमागी रूप से और शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 03:12 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 03:12 PM (IST)
संक्रमण से ठीक होने के बाद छह माह तक रह सकती है परेशानी।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। कोरोना से ठीक होने के बाद अब लोग लांग कोविड से पीड़ित हो रहे हैं। इसका असर छह माह तक रहता है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दिमागी रूप से और शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं। चिकित्सक की सलाह के साथ न‍ियम‍ित पौष्टिक आहार से कम समय में इससे मुक्ति पाई जा सकती है।

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देश भर के विशेषज्ञ चिकित्सक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम कोरोना संक्रमण के बाद ठीक हुए रोगियों में क्या समस्या हो रही है, इसके बारे में लगातार अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के शोध सामने आने पर वे देश भर के मुख्य चिकित्साधिकारियों तक पहुंच रहे हैं। पिछले दिनों विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया था कि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती रहने, वेंटीलेटर पर रहने वाले अधिकांश रोग‍ियों को थकान महसूस होना, नींद नहीं आना, याददाश्‍त कमजोर होना, बुखार आना, खांसी आन की समस्या रहती है। यह समस्या छह माह तक रह सकती है। कई बार लोग दिमागी संतुलन तक खो सकते हैं। इसे चिकित्सकों ने लांग कोविड नाम दिया है। विशेषज्ञ के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद 20 फीसद रोगी लांग कोविड से पीड़ित हैं। रोगी में सबसे अधिक थकान महसूस होने की शिकायत रहती है। दूसरे नंबर पर खांसी या कफ की शिकायत रहती है। इसके अलावा सिर दर्द, स्वाद न आना, गंध नहीं आना, गले में दर्द, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या रहती है। ऐसी स्थित‍ि में पौष्टिक आहार लेकर जल्दी ठीक हो सकते हैं। बार-बार बुखार आने या सांस ठीक नहीं होने जैसी अन्य समस्या होने पर रोगी को स्वयं दवा नहीं लेनी चाह‍िए। चिकित्सकों की राय से दवा लेना चाहिए। कुछ रोगी में इसका असर छह माह तक रह सकता है।

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति शांत और गुमसुम रहते हैं या उल्टी सीधी हरकत करते हैं। वैसे व्यक्ति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वैसे व्यक्ति से लगातार बात करने की आवश्यकता है। ऐसा नहीं करने पर वह मानस‍िक रोगी हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि तीसरी लहर की तैयारी के लिए चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। उन्‍हें लांग कोविड के बारे में बताया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक के सुझाव के बारे में बताया जा रहा है। जहां इस तरह के व्यक्ति मिले, उनकी काउंसलिंग करने और जरूरत होने पर इलाज करने के न‍िर्देश द‍िए जा रहे हैं।

मानसिक तनाव हो तो करें यह काम

॰ कम से कम आठ घंटे की नींद लें।

॰ सिगरेट, शराब का सेवन नहीं करें, पान-मसाला नहीं खाएं।

॰ कैफीन की मात्रा कम कर दें।

॰ आराम करें, भागदौड़ से बचे।

॰ सुबह से समय थोड़ी देर तक व्यायम करें।

जल्द ठीक होने से लिए ये खाएं

बीन्स

दाल

मछली

अंडा

चिकन व मटन

पनीर  


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