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Moradabad में 76 लाख का घोटाला, व्यापारी की शिकायत पर मंडी निरीक्षक को जेल, अब होगी कुर्की

Moradabad Scam News मुरादाबाद में बड़ा घोटाला सामने आया है। मंडी निरीक्षक ने व्यापारियों से राजस्व तो वसूला लेकिन कोषागार में जमा नहीं किया। 76 लाख के इस बड़े घोटाले में व्यापारी की शिकायत पर मंडी निरीक्षक को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2022 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 12:45 PM (IST)
Moradabad में 76 लाख का घोटाला, व्यापारी की शिकायत पर मंडी निरीक्षक को जेल, अब होगी कुर्की
Moradabad Scam News : - साल 2019 में राइस मिल संचालक ने ठाकुरद्वारा मंडी निरीक्षक की शिकायत की थी।

मुरादाबाद, (रितेश द्विवेदी)। Moradabad Scam News :  मुरादाबाद में बड़ा घोटाला सामने आया है। मंडी निरीक्षक ने व्यापारियों से राजस्व तो वसूला लेकिन कोषागार में जमा नहीं किया। 76 लाख के इस बड़े घोटाले में व्यापारी की शिकायत पर मंडी निरीक्षक को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। अब उसकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी चल रही है। कुर्की का नोटिस भेजा गया है।

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तीन साल पहले हुई थी जांच

तीन साल पहले चावल व्यापारी की शिकायत पर मुरादाबाद के मंडी निरीक्षक के खिलाफ जांच हुई थी। आरोप था कि मंडी निरीक्षक ने व्यापारियों ने राजस्व लेने के बाद कोषागार में जमा नहीं किया। जांच में गबन की पुष्टि होने के बाद ठाकुरद्वारा मंडी समिति के निरीक्षक के खिलाफ मझोला थाने में धोखाधड़ी और दस्तावेज गायब करने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

व्यापारियों को बकाया जमा करने का भेजा गया नोटिस

बाद में जेल भेजा गया। इस प्रकरण में मंडी समिति के अधिकारी उन व्यापारियों पर बकाया जमा कराने के लिए नोटिस भेज रहे हैं, जिनके रुपये का गबन किया गया। इतना ही नहीं उनके विरुद्ध कुर्की का नोटिस भी भेजे गए हैं। ठाकुरद्वारा के भगतपुर चतरपुर गांव निवासी चावल व्यापारी रामसिंह ने बताया कि उन्होंने राजस्व निरीक्षक के घोटाले की शिकायत की थी।

व्यापारियों के पास है रुपये देने की सरकारी रसीद

अब जो पैसा जमा वह कर चुके हैं, उसकी रिकवरी का नोटिस जारी कर अधिकारी प्रताड़ित कर रहे हैं। विरोध जताने पर कुर्की का आदेश जारी कर दिया। पीड़ित ने परेशान होकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की है। पीड़ित का कहना है कि घोटालेबाज राजस्व निरीक्षक नदीम अख्तर को दिए गए रुपये की सरकारी रसीद भी उनके पास हैं। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह से इस मामले में साक्ष्य देने के साथ ही शिकायत की, लेकिन उसकी मदद नहीं की जा रही।

घोटाले की अधिकारी दबाए बैठे रहे फाइल

मंडी निरीक्षक नदीम अख्तर के जेल जाने के बाद इस मामले की तत्कालीन मंडी सचिव ने जांच की थी। इसमें व्यापारियों से पैसा लेकर कोषागार में जमा नहीं करने की पुष्टि हुई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मंडी समिति की आडिट टीम मुरादाबाद आई थी। आडिट रिपोर्ट में 76 लाख रुपये से अधिक का गबन होने की पुष्टि हुई। यह रिपोर्ट मंडलीय अधिकारियों की टेबल से आगे नहीं बढ़ पाई।

अधिकारी और बाबुओं की मिलीभगत से हुआ घोटाला

मंडी समिति के राजस्व घोटाले में अधिकारियों और बाबुओं की मिलीभगत है। ठाकुरद्वारा तहसील में निरीक्षक नदीम अख्तर नियमों के विपरीत 10 साल तक एक ही तहसील में तैनाती रही। व्यापारियों से शुल्क लेकर अपने खाते में जमा कर लेता था। मंडी समिति के अधिकारियों को सूचना भेज देता कि व्यापारियों के द्वारा शुल्क नहीं दिया गया। फरवरी 2019 में तत्कालीन मंडी सचिव अशोक कुमार ने ठाकुरद्वारा के व्यापारियों को नोटिस जारी करके जवाब मांग लिया।

नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों ने अधिकारियों से शिकायत की, अधिकारी भी शुरुआत में इस मामले को दबाकर बैठ गए। ठाकुरद्वारा में तैनात रहा मंडी निरीक्षक ने 10 सालों में लगभग 76 लाख रुपये से अधिक का राजस्व डकार गया। शिकायत के बाद पांच माह की लंबी जांच और मंडी निरीक्षक के सेवानिवृत्त होने के बाद मझोला थाने में छह सितंबर 2019 को मुकदमा दर्ज कराया गया। 2020 में फरार चल रहे सेवानिवृत्त मंडी निरीक्षक नदीम अख्तर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

जानिए अधिकारियों ने क्या कहा

एडीएम वित्त युगराज सिंह का कहना है कि रिकवरी नोटिस जारी करना संबंधित विभाग का काम है। हमारे स्तर से वसूली तय की जाती है। अगर विभाग चाहे तो आरसी वापस कर सकता है। अगर आरसी वापस नहीं होती तो हम कार्रवाई जारी रखते हैं। मंडी समिति राजस्व वसूली के मामले में संबंधित व्यापारी के खिलाफ रिकवरी नहीं होने पर कुर्की का आदेश जारी किया गया है।

मंडी समिति सचिव मलखान सिंह का कहना है कि व्यापारियों के द्वारा कोई रसीद हमें नहीं दिखाई गई। जो चेक दिए गए थे, वह जमा होने से पहले डिसआर्नर हो गए थे। व्यापारियों ने जो पैसा जमा किया, उसका साक्ष्य उनके पास कोई नहीं हैं। ऐसे में विभागीय स्तर से जो कार्रवाई होती है, उसे सुनिश्चित किया जा रहा है।

चावल व्यापारी राम सिंह ने बताया कि मंडी निरीक्षक के द्वारा हमें रसीदें दी गई थीं। जो चेक डिस्आर्नर हुए, उनका भी पैसा खाते में जमा किया गया है। मंडी समिति के अफसर लगातार गुमराह कर रहे हैं। हमारे पास सभी साक्ष्य हैं। अधिकारी साक्ष्य देखने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस मामले में कई बार शिकायत की गई। अब कुर्की का नोटिस जारी करके प्रताड़ित किया जा रहा है। हमें न्याय चाहिए।


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