Muharram : दिखाई दिया मुहर्रम का चांद, गम में डूबा शिया समुदाय
Muharram कोरोना वायरस की वजह से घरों में होंगी शारीरिक दूरी के साथ मजलिस। उलमा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ करेंगे मजलिसों में बयान।
मुरादाबाद, जेएनएन। गुरुवार को मुहर्रम का चांद दिखाई देने के साथ ही शिया समुदाय गम में डूब गया। महिलाओं ने गहने व श्रंगार उतार कर काले कपड़े पहन लिए। मर्दोंं ने भी हजरत इमाम हुसैन एवं कर्बला के शहीदों की याद में अपने अपने घरों में अजादारी की। कोरोना वायरस की वजह से शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ ही मजलिसें सोशल मीडिया के जरिये होंगी।
अजादारों ने नौहाख्वानी और मातम किया। कर्बला के शहीदों की याद में सदाएं बुलंद कीं। महिलाओं ने भी चूड़ियां उतार दीं। महिलाएं कर्बला के शहीदों के गम में डूब गई। बिस्तर छोड़ नीचे सोना शुरू कर दिया। शिया शहर इमाम मौलाना मुजफ्फर हुसैन तौराबी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला के लिए रवानगी का वाकया बयान किया। जिसे सुनते ही अजादार रोने लगे। उन्होंने बताया कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से मजलिसें जूम एप या गूगल पर होंगी। भीड़ इकट्ठी नहींं होगी। घरों में ही धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। अजादारी करने वालों में मुहम्मद अब्बास, शाहनवाज सिब्तैन, यावर अब्बास, अली यावर, नवाब शौकत अली, इब्ने हैदर मौजूद थे।