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दस साल में भारी जल संकट से जूझेगा महानगर Moradabad News

दुनिया के आंकड़े बता रहे हैं कि भारत जल संकट के मुहाने पर है। बुंदेलखंड महाराष्ट्र समेत कई राज्य इसके उदाहरण हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 07:48 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 08:08 AM (IST)
दस साल में भारी जल संकट से जूझेगा महानगर Moradabad News
दस साल में भारी जल संकट से जूझेगा महानगर Moradabad News

जागरण संवाददाता मुरादाबाद । दुनिया के आधे देशों में जल संकट है। इनमें भारत भी शामिल है। बात करें मुरादाबाद की तो दस साल में महानगर गंभीर जल संकट से जूझेगा। इसके परिणाम अभी से आने लगे हैं। मुरादाबाद में बिलारी व डिलारी डार्क जाने में जा चुके हैं। वहां के गांव में पांच साल बाद पानी ही नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बीड़ा उठाया है, उसकी गंभीरता समझनी होगी। दुनिया के आंकड़े बता रहे हैं कि भारत जल संकट के मुहाने पर है। बुंदेलखंड, महाराष्ट्र समेत कई राज्य इसके उदाहरण हैं। बुंदेलखंड में पांच किमी दूर से पांच लीटर पानी महिलाएं और पुरुष लाते हैं, उनसे पानी की कीमत समझिए। यह बात नगर निगम की ओर से आयोजित जल शक्ति अभियान की कार्यशाला में डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से समझाई।  

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नगर निगम की ओर से पंचायत भवन में आयोजित जल शक्ति अभियान मंत्रालय के उप सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा अगर आज जल संकट का इलाज नहीं किया गया तो मुरादाबाद में अंतिम परत पर पहुंच चुका पानी दस साल बाद नहीं मिलेगा। दो परत में पानी पहले ही खत्म हो चुका है। जल शक्ति अभियान के तहत भूगर्भ जल संचय, पानी को पुन: उपयोगी बनाना, पौधरोपण और खराब पानी को शोधित करने की दिशा में काम करने की जानकारी दी। 

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की नेहा भटनागर ने वाटर फुट प्रिंट से लेकर महानगर के तालाबों की दुर्दशा तक को उठाकर जागरूक किया। कहा घरों में नहाने, शौच, दातुन, कार धुलाई, कपड़े धोने में दस गुना पानी बर्बाद हो रहा है। कितना पानी किस मद में खर्च कर जल बचाया जा सकता है, उसको डाक्यूमेंट्री के माध्यम से समझाया। कहा महानगर के 65 तालाब ईको सिस्टम के नायक नहीं रहे। महानगर की सीमा के बाहर जो तालाब हैं, कम से कम उनको तो बचाने की कोशिश होनी चाहिए।  इस मौके पर जल शक्ति अभियान मंत्रालय के इंजीनियर अर्पण जैन, महापौर विनोद अग्रवाल, नगर आयुक्त संजय चौहान, सहायक नगर आयुक्त गंभीर सिंह, जीएम जलकल प्रमोद कुमार गुप्ता, कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, मुख्य अभियंता एसके केसरी, अधिशासी अभियंता विजेंद्र पाल सिंह, जेई मनीष वैद्य, राखी वर्मा, जीआइसी बहोरनपुर की प्रधानाचार्या डॉ. श्वेता पूठिया आदि ने विचार रखे। 

अभिनेता आमिर फिल्में छोड़ पानी को कर रहे काम

उप सचिव सुरेंद्र सिंह ने उदाहरण दिया अभिनेता आमिर खान तीन साल से फिल्में नहीं बना रहे हैं, वह महाराष्ट्र की 76 तहसीलों में पानी फाउंडेशन के लिए काम कर रहे हैं। निस्वार्थ रूप से उनकी पूरी टीम पानी बचाने के लिए काम कर रही है। एक बड़ा अभिनेता पानी बचाने में जुटा है तो हम और आप कब जागरूक होंगे। दस साल बाद पानी बचाने की सोचेंगे तो यह समस्या और जटिल हो जाएगी। 

पानी के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं हम 

महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा जरा सोचिए कि एक दिन नगर निगम की पानी की सप्लाई न मिले, आप नहाते हों और अचानक पानी चला जाए तो नगर निगम को भला-बुरा कहेंगे लेकिन जब पानी आता है तो उसकी कीमत नहीं समझते। प्रधानमंत्री ने जल शक्ति अभियान शुरू किया तो अब घर-घर पानी की बचत को जागरूक होना पड़ेगा। घरों में पहले कुआं, फिर नल, उसके बाद सबमर्सिबल और अब जेट पंप लग रहा है तो पानी के हम सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। 

बच्चों के लिए छोड़कर जाएं साफ हवा और पानी

नगर आयुक्त संजय चौहान ने कहा कि पानी को पानी की तरह बहाने से रोकने के लिए हम सबको जागरूक होना पड़ेगा। कार से लेकर जानवर तक सबमर्सिबल से नहलाए जा रहे हैं। लोगों को अपने बच्चों के प्रति लगाव सबसे अधिक होता है, उनके लिए सारी संपत्ति छोड़कर जाते हैं, लेकिन जरा सोचिए कि बच्चों के लिए साफ हवा पानी नहीं छोड़कर जाएंगे तो यह संपत्ति किस काम की।  


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