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सड़क न बनने पर व्यापारियों ने बंद कराया बाजार

मंडी चौक चौराहे पर शुक्रवार को क्षेत्रीय पार्षद अनुभव मेहरोत्रा व व्यापारियों ने सडक न बनने पर दिया धरना।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 03:19 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:03 AM (IST)
सड़क न बनने पर व्यापारियों ने बंद कराया बाजार
सड़क न बनने पर व्यापारियों ने बंद कराया बाजार

जेएनएन, मुरादाबाद : मंडी चौक चौराहे पर शुक्रवार को क्षेत्रीय पार्षद अनुभव मेहरोत्रा व व्यापारियों ने सड़क नहीं बनने पर धरना दिया। मंडी चौक से गलशहीद तक बाजार बंद कराया। धरने से जाम की स्थिति बनी रही।

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तीन महीने पहले सीवर लाइन डालने के बाद भी खुदी सड़क को बनाने की सुध विभाग ने नहीं ली। जल निगम और एलएनटी की लापरवाही से त्योहारी सीजन में बीच बाजार ग्राहकों व राहगीरों को गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है। कारोबार चौपट होने से व्यपारियों का गुस्सा भड़क गया। साढ़े तीन घंटे धरना देने के बाद अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह, जल निगम के परियोजना प्रबंधक अरुण कुमार त्यागी व एलएनटी के अधिकारी पहुंचे। व्यापारियों ने अफसरों को घेरकर विरोध जताया। बोले पिछले साल भी मंडी चौक से फैजगंज तक सड़क सीवर लाइन डालकर बर्बाद की गई थी, तब भी धरना देकर बनी थी। मौके पर पहुंचे अफसरों ने तीन दिन में सड़क निर्माण कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोलीं। पार्षद अनुभव मेहरोत्रा का कहना है कि सीवर लाइन डालने के 10 दिन बाद सड़क बनाने को कहा था। लेकिन, अभी तक नहीं बनी। नगर निगम अफसरों को भी कई बार बताया जा चुका है। धरने में कौशल रस्तोगी, पुनीत रस्तोगी, फतेह मोहम्मद, शहजाद, वसीम, मुहम्मद आजम, गिरधारी सिंह, सुभान, राशिद, सत्यवीर, पुनीत कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।

मंडी चौक से गलशहीद व अमरोहा गेट तक सड़क खराब

सीवर लाइन डालने से पीतल कारोबार, सर्राफा चौपट हो रहा है। पहले लॉकडाउन के कारण कारोबारी झटका लगा। अब यह सड़क ग्राहकों को आने से रोक रही है। इसी वजह से पीतल स्टील के बर्तन पूरे देश भर में ऑर्डर पर जाते हैं। सराफा बाजार भी होने से सहालग के दिनों में यह गड्ढे मुसीबत बने हैं।

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एक साल पहले बनी थी 40 लाख रुपये से सड़क

मंडी चौक चौराहे से गलशहीद चौराहे तक 500 मीटर सड़क सीवर लाइन डालने से गहरे गड्ढों में तब्दील है। यह सड़क एक साल पहले ही करीब 40 लाख रुपये की लागत से बनी थी। जनता के पैसे की बर्बादी की गई। जब सीवर लाइन डाली जानी थी तो यह सड़क नहीं बननी चाहिए थी। बनने के बाद तीन महीने पहले फिर खोद कर डालने से लोग परेशान हैं।


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