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दिल्ली दंगे के मास्टरमाइंड ताहिर के कारनामों से पूरा गांव हैरत में Amroha News

अमरोहा जिले के हसनपुर के पौरारा गांव का मूल निवासी है ताहिर। दिन पर टीवी पर उसके बारे में खबर देखते रहे। पूरे इलाके में ताहिर का लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 07:40 AM (IST)
दिल्ली दंगे के मास्टरमाइंड ताहिर के कारनामों से पूरा गांव हैरत में  Amroha News
दिल्ली दंगे के मास्टरमाइंड ताहिर के कारनामों से पूरा गांव हैरत में Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फरवरी में चांदबाग, दिल्ली के दंगे का मास्टरमाइंड ताहिर के निकलने पर हसनपुर में ग्रामीण हैरत में हैं। उससे संबंधित खबर जानने के लिए पौरारा गांव के लोग दिन भर टीवी देखते रहे। उसके कृत्य पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।

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यह है पूरा मामला

दिल्ली दंगे में हसनपुर तहसील के गांव पौरारा निवासी आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी आया था। ताहिर हुसैन मजदूरी करने के इरादे से करीब 15 वर्ष पूर्व दिल्ली गया था। गांव में उसका कोई अपराधिक इतिहास नहीं था। दिल्ली में फर्नीचर एवं अन्य कारोबार में आमदनी ठीक होने पर वह राजनीति में सक्रिय हो गया। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया। इसमें ताहिर हुसैन को चांद पार्क इलाके में हुए दंगे का मास्टरमाइंड बताया गया है। आरोपपत्र में ताहिर हुसैन पर दंगा कराने के लिए 1. 30 करोड़ खर्च करने का भी आरोप लगा है।

चर्चा में आया मामला

चार्जशीट दाखिल होने के बाद ताहिर हुसैन का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। गांव के लोग ताहिर हुसैन द्वारा किए गए कारनामे से स्तब्ध हैं। लोगों का कहना है कि गांव में ताहिर एवं उसके परिवार ने कोई ऐसा कृत्य नहीं किया था जिससे गांव का नाम बदनाम होता लेकिन, दिल्ली में उसके द्वारा किए गए कृत्य से गांव के लोग भी शर्मिंदा हो रहे हैं।

गांव में भी जांच पड़ताल को आई थी पुलिस

हसनपुर : फरवरी माह में दिल्ली में चांद बाग इलाके में हुए दंगे में ताहिर हुसैन का नाम आने पर दिल्ली पुलिस कई बार ताहिर के संबंध में जरूरी जानकारी हासिल करने उसके पैतृक गांव पौरारा आई थी। पुलिस टीम ने गांव के लोगों से ताहिर के परिवार की पृष्ठभूमि तथा उसकी आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी ग्रामीणों से हासिल की थी। ताहिर की तलाश में गांव के अलावा उसकी रिश्तेदारियों में भी दबिश दी थी।


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