तजीन की राज्यसभा सीट पर कई नेताओं की नजर Rampur News
सांसद आजम खां की पत्नी डॉ.तजीन फात्मा के राज्यसभा की सदस्यता छोडऩे से कई भाजपा नेता इस पर नजर लगाए हैं। यह सीट भाजपा की झोली में जाना लगभग तय माना जा रहा है।
रामपुर : सांसद आजम खां की पत्नी डॉ.तजीन फात्मा के राज्यसभा की सदस्यता छोडऩे से कई भाजपा नेता इस पर नजर लगाए हैं। यह सीट भाजपा की झोली में जाना लगभग तय माना जा रहा है। डॉ. तजीन फात्मा नवंबर 2014 में राज्यसभा सदस्य चुनी गईं थीं। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में पूरा होना है, लेकिन उन्होंने इससे पहले ही रामपुर में विधानसभा उप चुनाव लड़ लिया, जिसमें वह निर्वाचित हो गईं। सोमवार को उन्होंने लखनऊ में विधानसभा सदस्य की शपथ भी ले ली और इसके बाद राज्यसभा की सदस्यता इस्तीफा दे दिया। अब इस सीट पर भाजपा के कई नेताओं की नजर लगी है।
मुरादाबाद के नेता भी बनना चाहते हैं राज्यसभा सदस्य
रामपुर के साथ ही मुरादाबाद के नेता भी राज्यसभा सदस्य बनना चाहते हैं, हालांकि उनका कार्यकाल सालभर का भी नहीं होगा, क्योंकि नवंवर 2020 में इस सीट पर फिर चुनाव होगा। गौरतलब है कि रामपुर शहर विधानसभा सीट से आजम खां विधायक थे, जो इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी बने। चुनाव जीतने के बाद वह सांसद बन गए और विधायक की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस कारण यहां विधानसभा का उपचुनाव हुआ, जिसमें आजम खां की पत्नी सपा प्रत्याशी बनीं और चुनाव जीत गईं। विधायक बनने के कारण उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा है।
यूनिवर्सिटी की दीवार तोडऩे की अवधि खत्म
कोसी नदी क्षेत्र में बनी जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार तोडऩे के लिए प्रशासन ने नोटिस जारी कर तीन दिन का समय दिया था, अब यह अवधि खत्म हो गई है। प्रशासन अब इस दीवार को तोड़ सकता है और जमीन पर भी कब्जा कर सकता है। सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी के लिए सात हेक्टेयर जमीन पटटे पर दी गई थी। तब यह परती भूमि बताई गई थी, लेकिन पिछले दिनों प्रशासन को पता लगा कि यह जमीन नदी क्षेत्र की है, जो पटटे पर नहीं दी जा सकती। इस पर प्रशासन ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। यह मामला एनजीटी में भी पहुंच गया, जहां आरोप लगाया कि नदी क्षेत्र की जमीन जो यूनिवर्सिटी परिसर में मिला ली गई है और पक्का निर्माण कर लिया गया है। उससे नदी की धारा प्रभावित हो रही है। इसे हटाने की मांग की गई। एनजीटी ने इसे हटाने के आदेश जारी कर दिए। उपजिलाधिकारी सदर ओम प्रकाश तिवारी ने तीन दिन पहले इसे हटाने को नोटिस जारी किया था, जो अवधि अब खत्म हो गई है। एसडीएम का कहना है कि अब दीवार को हटाया जाएगा। जमीन पर भी कब्जा लिया जाएगा।