शहर की सीमा के समीप 24 घंटे में दो बार दिखा तेंदुआ, हरकत में आया वन विभाग
शहर की सीमा से सटे काजीपुरा गांव के आसपास 24 घंटे में दो बार तेंदुआ दिखा।
मुरादाबाद,जासं : शहर की सीमा से सटे काजीपुरा गांव के आसपास 24 घंटे में दो बार तेंदुआ देखा गया है। गुरुवार को दिन में तेंदुए के पांव की तलाश में जुटे वन विभाग को शाम ढलते ही सूचना मिली कि काजीपुरा ईंट-भट्ठे के समीप तेंदुआ दोबारा देखा गया है। यह सुनते ही वन कर्मी हरकत में आ गए। दिन में तेंदुए की मौजूदगी को लेकर ऊहापोह के शिकार वन कर्मियों ने देर शाम शहर की सीमा पर पिजरा लगाने की मांग विभागीय उच्चाधिकारियों से की। शहर की सीमा पर तेंदुए के मूवमेंट को लेकर वन विभाग हाई अलर्ट पर है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित महलकपुर निजामपुर गांव निवासी आशीष कुमार ने बुधवार देर शाम तेंदुआ देखा। मुरादाबाद- हरिद्वार मार्ग पर ओवर ब्रिज के समीप तेंदुआ देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी गई। बताया कि ट्रैक्टर के ऊपर से छलांग लगाते हुए वह गन्ने के खेत में जा घुसा। वन विभाग के डिप्टी रेंजर मनोज कुमार वर्मा गुरुवार को दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल व इसके आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान सब्जी के एक खेत में किसी वन्य जीव के पांव के निशान दिखे। डिप्टी रेंजर ने बताया कि करीब साढ़े चार इंच लंबा पांव का निशान मिला है। हालांकि, जिस वन्य जीव का निशान मिला है, उसके पैर में नाखून हैं। जबकि तेंदुआ के पांव में नाखून नहीं होते। ऐसे में आशंका है कि खेतों में जो पांव के निशान हैं, वह कुत्ता प्रजाति के जीव के हैं। इसके इतर काजीपुरा व इसके आसपास तेंदुआ होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। देर शाम ईंट-भट्ठा मालिक आशीष कुमार ने भट्ठे के समीप दोबारा तेंदुआ देखे जाने का दावा किया। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर ईंट की पथाई हो रही है, वहीं तेंदुआ बैठा मिला। इससे मजदूरों व ग्रामीणों में भय है। वन कर्मियों ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है।
यह बरतें सतर्कता
-शाम ढलने के बाद घरों से अकेले न निकलें।
-खाली हाथ घरों से निकलने से बचें।
-पालतू पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखें।
-छोटे बच्चों को घर से बाहर अकेले न निकलने दें।
- छोटे बच्चों को रात में अपने पास सुलाएं।
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ईंट-भट्ठे पर मिला तेंदुए का घर
डिप्टी रेंजर मनोज कुमार वर्मा गुरुवार को काजीपुरा व इसके आसपास तेंदुए की तलाश में जुटे थे। इस बीच उनकी नजर गांव के समीप ईंट-भट्ठे पर पड़ी। वहां दर्जनों खुले घर खाली मिले। कोरोना काल में मजदूरों के घर खाली पड़े हैं। डिप्टी रेंजर ने बताया कि ऐसी जगह वन्य जीवों के छिपने व रहने के लिए मुफीद होती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के घरों के दरवाजे तत्काल बंद कराए जाएं। इन्हीं बद पड़े घरों में कोई तेंदुए का घर हो सकता है।