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लाइनपार की रामलीला में मूर्छित हुए लक्ष्मण

मुरादाबाद लाइनपार की रामलीला में शुक्रवार को लक्ष्मण शक्ति व कुम्भकरण वध का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:53 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 03:27 AM (IST)
लाइनपार की रामलीला में मूर्छित हुए लक्ष्मण
लाइनपार की रामलीला में मूर्छित हुए लक्ष्मण

जेएनएन, मुरादाबाद : लाइनपार की रामलीला में शुक्रवार को लक्ष्मण शक्ति व कुम्भकरण वध का मंचन किया गया। मेघनाथ की शक्ति से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण लक्ष्मण की मूर्छा टूटी। इसके बाद कुंभकरण वध का मंचन हुआ।

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सिविल लाइंस क्षेत्र की रामलीला का मंचन शबरी आश्रम में भगवान श्री राम के प्रवेश के साथ शुरू हुआ। शबरी आश्रम में भगवान श्री राम के प्रवेश के साथ हनुमान का अवतरण, सुग्रीव मित्रता और बाली वध का मंचन हुआ। इसके बाद सीता की खोज के लिए हनुमान लंका पहुंचे और अशोक वाटिका में माता सीता को प्रभु श्री राम की याद में व्याकुल देख भावुक हो गए। सीता माता हनुमान को श्री राम का भक्त जानने के बाद खुश हुईं। माता सीता को खोजने के दौरान हनुमान ने अशोक वाटिका के फल व पेड़ तोड़कर इधर-उधर फेंके। इसके बाद मेघनाथ द्वारा छोड़ी ब्रह्म की शक्ति में बंध गए। रावण के दरबार में हनुमान को लाकर उनकी पूंछ में आग लगा दी गई। इससे रावण की सोने की लंका धू-धूकर जली। राजेश रस्तोगी, प्रमोद चावला, शिशिर गुप्ता, शिव मिगलानी, डॉ.संजीव राजन समेत अन्य का सहयोग रहा। सीता को हर पुष्पक विमान से लंका ले गया रावण

लाजपतनगर में भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्श जीवन लीलाओं का मंचन किया गया। सूर्पणखा की नाक काटने, खर-दूषण वध का मंचन हुआ। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से रावण सीता का हरण करके पुष्पक विमान से लंका ले गया। कुटिया में सीता को न पाकर श्री राम व्याकुल हो गए। सीता हरण के दौरान रावण-जटायु का युद्ध का भावपूर्ण संवाद भी हुआ। इसके बाद हनुमान का राम से मिलन व सुग्रीव मित्रता का मंचन किया गया। कार्तिकेय संस्था के निर्देशक पंकज दर्पण अग्रवाल व सह निर्देशक विकसित पंडित के निर्देशन में रामलीला मंचन हो रहा है। अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल, विरोध सक्सेना, मुकुल बंसल समेत अन्य का सहयोग रहा।

अगवानपुर: श्री राम हिरण का अखेट करने उसके पीछे जाते हैं। मायावी ने श्रीराम की आवाज में लक्ष्मण को पुकारा तो माता सीता ने लक्ष्मण को श्री राम की मदद के लिए भेजा। तत्पश्चात रावण धोखे से सीता को साधु का वेष धरकर हरकर ले जाता है। मंचन में रावण-जटायु युद्ध, राम-सुग्रीव मित्रता से लेकर लंकादहन तक का मंचन किया गया। इस मौके पर इंद्रेश गुप्ता, सरजू विश्नोई, राम प्रकाश वर्मा, अंशुल गुप्ता समेत अन्य का सहयोग रहा।


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