बिल्डरों की धोखाधड़ी पर संशोधन कानून कसेगा नकेल
मुरादाबाद: आवंटियों के साथ ही बैंक का पैसा हजम कर खुद को दिवालिया घोषित करने वाले
मुरादाबाद:
आवंटियों के साथ ही बैंक का पैसा हजम कर खुद को दिवालिया घोषित करने वाले बिल्डरों पर सरकार का नया कानून शिकंजा कसेगा। हालांकि रेरा के गठन के बाद भी ऐसी ही बातें कहीं जा रही थी, लेकिन प्रदेश में अभी तक रेरा के माध्यम से किसी भी बड़े मामले में कोई फैसला नहीं हुआ है। रेरा कानून के बाद अब केंद्र सरकार ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड में परिवर्तन किया है। नए कानून में खुद को दिवालिया घोषित करने वाले बिल्डरों की संपत्ति पर आवंटियों का अधिकार होगा। गौरतलब है नोएडा के एक बड़े बिल्डर ने खुद को दीवालिया घोषित कर आवंटियों के पैसे हजम करने का खेल खेला था। ऐसे में क्रेंद सरकार का यह नया कानून दिवालिया घोषित होने वाले बिल्डरों की संपत्ति पर आवंटियों को हक दिलाने का काम करेगा। अब आवंटियों का पैसा डकारने के बाद कोई भी बिल्डर खुद को दीवालिया नहीं घोषित कर पाएगा।
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बोले अधिवक्ता--
सरकार ने पुराने कानून में संशोधन किया है। नए कानून से कोई भी बिल्डर दीवालिया होने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएगा। आवंटियों को उसे जवाब देना होगा।
आनंद मोहन गुप्ता,महासचिव,दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी
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आइबीसी कानून में संशोधन से आवंटियों को उनका अधिकार मिलेगा। दिवालिया घोषित होने के बाद भी बिल्डर अपनी संपत्ति को नहीं बचा पाएंगे। सरकार ने यह बेहतर पहल की है।
पीके गोस्वामी, अधिवक्ता
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कानून परिवर्तन से ज्यादा कानून के अमल पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। पुराने कानून का सख्ती से पालन कराया जाए, तब भी कोई बिल्डर किसी पैसा नहीं मार सकता है।
जुनैद एजाज, वरिष्ठ अधिवक्ता
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वर्जन---
कानून संशोधन से बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित करने के बाद भी बच नहीं पाएंगे। नए कानून में हुए बदलाव देखना जरूरी है। कानून में संशोधन भी सकारात्मक पहल है।
कनक लता त्रिपाठी, उपाध्यक्ष,एमडीए