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घर-घर इस खतरनाक बीमारी को पहुंचा रहा ई-कचरा, जानिए कैसे आप भी हो रहे इसके शिकार Moradabad news

अब तक रामगंगा नदी के किनारे रहने वाले कई लोगों को कैंसर हो चुका है। मछली दूध सब्जी में ई-कचरा के जानलेवा अंश मिल रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 01:54 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 02:10 PM (IST)
घर-घर इस खतरनाक बीमारी को पहुंचा रहा ई-कचरा, जानिए कैसे आप भी हो रहे इसके शिकार Moradabad news
घर-घर इस खतरनाक बीमारी को पहुंचा रहा ई-कचरा, जानिए कैसे आप भी हो रहे इसके शिकार Moradabad news

प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद। ई-कचरा जलाने से सिर्फ वातावरण ही प्रदूषित नहीं हो रहा है बल्कि ई-कचरा आपको कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे रहा है। वह भी सीधे आपके घर पहुंचकर। सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन, यही सच है। 

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ई-कचरे का प्रदूषण और जहरीले पदार्थ रामगंगा नदी में भी घुल चुके हैं। इसके पानी से पैदा होने वाली सब्जियों, इसका पानी पीने वाली गायों, भैंसों के दूध व मछलियों में के जरिए कैंसर आपके घर तक पहुंच रहा है। यही कारण है कि रामगंगा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को कैंसर की बीमारी गिरफ्त में लेकर मौत की ओर ले जा रही है। 

आज विश्व कैंसर दिवस है। विश्व के विकसित देशों से निकलने वाला ई-कचरा भारत में बड़े पैमाने पर आ रहा है। देश का ई-कचरा भी लगातार निकल रहा है। ई-कचरा में कैडमियम, निकिल, क्रोमियम, एंटीमोनी, आर्सेनिक और मरकरी होते हैं। इसके अलावा चांदी के टांके लगे होते हैैं। बड़े पैमाने पर नदी के किनारे या खेतों में ई-कचरा जलाया जाता है। 

मुरादाबाद में ई-कचरा रामगंगा नदीं के किनारे, भोजपुर क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर जलाया जाता है। ई-कचरा के जलने से निकलने वाले वाले धुआं में कई जहरीली गैसें और रासायनिक कण भी होते हैैं। जो सांस के द्वारा शरीर के अंदर पहुंच जाता हैं। 

ई-कचरा के जले हुए अवशेष को नदियों में बहा दिया जाता है। जिससे पानी जहरीला हो जाता है। पिछले साल रामगंगा नदी की मछली मरना शुरू हो गई थीं। इसी रामगंगा के पानी से सब्जी, जानवरों के लिए चारा पैदा किया जाता है। चारा के माध्यम जानवरों के अंदर ये जहरीले कण पहुंचते हैं। इसी तरह से सब्जी में ई-कचरा का अंश होता है। जिसके सेवन से शहरवासी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। 

ई-कचरा से निकलने वाला क्रोमियम आर्सेनिक, निकिल, मरकरी के शरीर के अंदर जाने से किडनी, लीवर को क्षतिग्रस्त करता है। इसके कारण कैंसर होने का सबसे अधिक खतरा होता है। 

डॉ. राकेश कुमार, 

वरिष्ठ फिजिशियन।


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