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जानिए, किस बड़े नेता के खिलाफ हैं गाय, भैंस व किताब चोरी करने समेत 80 मुकदमे Rampur news

पहले से ही 80 मुकदमों में फंसे सांसद आजम खां को सोमवार को तगड़ा झटका लगा। बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद होने से उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 03:30 PM (IST)
जानिए, किस बड़े नेता के खिलाफ हैं गाय, भैंस व किताब चोरी करने समेत 80 मुकदमे Rampur news
जानिए, किस बड़े नेता के खिलाफ हैं गाय, भैंस व किताब चोरी करने समेत 80 मुकदमे Rampur news

मुस्लेमीन, (रामपुर): पहले से ही 80 मुकदमों में फंसे सांसद आजम खां को सोमवार को तगड़ा झटका लगा। बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद होने से उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं। गाय चोरी, भैंस चोरी, बकरी चोरी, किताब चोरी व जमीन कब्जाने आदि आरोपों में घिरे आजम खां अब कानूनी शिकंजे में बुरी तरह फंसते जा रहे हैं।  

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बेटे की विधायकी रद होने से आजम को लगा तगड़ा झटका

अब्दुल्ला आजम ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार-टांडा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया था। उसी दौरान नामांकन पत्रों की जांच पड़ताल के वक्त बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके नामांकन पत्र पर आपत्ति दाखिल की थी। उनका आरोप था कि अब्दुल्ला की उम्र कम है, इसलिए उनका नामांकन पत्र रद किया जाए लेकिन, नवेद मियां अपनी बात के समर्थन में ऐसा कोई प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा सके थे। इस पर निर्वाचन अधिकारी ने अब्दुल्ला का नामांकन पत्र वैध माना। इसके बाद हुए चुनाव में अब्दुल्ला आजम जीत गए लेकिन, नवेद मियां ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट में उन्होंने अब्दुल्ला के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करा दिए, जिनमें उनकी जन्म तिथि के हिसाब से चुनाव के वक्त उम्र कम थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुनाते हुए अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया। इससे सांसद आजम खां को तगड़ा झटका लगा है। 

यह है मामला

अब्दुल्ला आजम के तमाम शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज है। यही तिथि पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में भी है। इस जन्म तिथि के हिसाब से अब्दुल्ला की उम्र 2017 में नामांकन के समय 25 साल से कम थी, जबकि उन्होंने नामांकन पत्र में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान सांसद आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा ने कोर्ट को बताया था कि अब्दुल्ला का जन्म क्वींस मैरी हॉस्पिटल लखनऊ में 30 सितंबर 1990 को हुआ था। यह अस्पताल के दस्तावेजों में भी दर्ज है। तब वह सरकारी नौकरी में थीं और उसी समय उन्होंने मातृत्व अवकाश भी लिया था। 

अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र 

अब्दुल्ला पर दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट रखने का आरोप भी है। तीनों ही मामलों में थाने में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं। दो-दो जन्म प्रमाण पत्र रखने के मामले में तो अब्दुल्ला के साथ ही आजम खां और उनकी पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा भी नामजद हैं। पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है। तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले भाजपा के लघु उद्योग प्रकोष्ठ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक आकाश कुमार सक्सेना ने आरोप लगाया था कि आजम खां ने अपने बेटे अब्दुल्ला के रामपुर व लखनऊ से दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं।

हाईकोर्ट के फैसले पर नूरमहल में मना जश्न

हाईकोर्ट के फैसले के बाद नूर महल में जश्न का माहौल रहा। दिनभर नूरमहल में समर्थक आते रहे और एक दूसरे को मिठाई खिलाते रहे। फैसला आते ही नूर महल में समर्थक जुटना शुरू हो गए। फैसले पर खुशी जताते हुए मिठाई बांटी गई और मुबारकबाद दी गई। इस मौके कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मुतीउर्रहमान खां बब्लू, काशिफ खां, मामून शाह खां, नोमान खां, सैयद आमिर मियां, वासिक अली, मोअज्जम खां, शबाब हुसैन, रामगोपाल सैनी, शकेब अब्बास, दिव्यांश ङ्क्षसघल, रमेश प्रभाकर, रहमान अली, इरफ़ान, अंकुश अग्रवाल, शुभम रस्तोगी, सलमान, मेहरबान अली, सलीम अहमद आदि मौजूद रहे। 


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