किसान बोले, सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले, वादे पूरे करे, नहीं तो फिर से करेंगे आंदोलन
Farmers Protest भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ता प्रदेश संगठन मंत्री अजय बाबू गंगवार के आवास पर सोमवार को एकत्र हुए। इसकी सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मना किया तो कार्यकर्ता यहां से नारेबाजी करते हुए तहसील के लिए रवाना हो गए।
रामपुर, जेएनएन। Farmers Protest : भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ता प्रदेश संगठन मंत्री अजय बाबू गंगवार के आवास पर सोमवार को एकत्र हुए। इसकी सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मना किया तो कार्यकर्ता यहां से नारेबाजी करते हुए तहसील के लिए रवाना हो गए। बिलासपुर मार्ग स्थित एक विवाह मंडप के समीप कोतवाल सत्येंद्र कुमार सिंह ने उन्हें रोक लिया। वहां पर कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में लिखा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानून को रद्द कराने के लिए अभूतपूर्व आंदोलन चलाया था।
इस आंदोलन के चलते राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर करके तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द किया था। केंद्र सरकार ने वायदा किया था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्यों से मुकदमे वापस लेने की अपील करेगी। आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। एमएसपी पर एक कमेटी बनाई जाएगी। इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित मंत्री को केंद्र सरकार ने आज तक बर्खास्त नहीं किया है।
सरकार किसानों के विश्वास को न तोड़े। सत्ताधारी दल किसान के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करें। केंद्र सरकार ने जो वायदे किसानों से किए उसे जल्द पूरा कराएं। अन्यथा किसान वापस आंदोलन के लिए कूच करेंगे। ज्ञापन पर महिला जिला अध्यक्ष मधुबाला तुरैहा, तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र गंगवार, हरपाल सिंह गंगवार, रामपाल पटेल, महेश बाबू, नरेंद्र गंगवार, छेदा लाल, सूरज सिंह, ज्ञान सिंह, निर्मला देवी, मोहित कुमार, नवीन कुमार, रवि कुमार, नरेंद्र सिंह, अरविंद कुमार आदि कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर मौजूद है।
सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात : संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन कर विश्वासघात दिवस मनाया। इसके बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। ज्ञापन में कहा है कि सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों को एमएसपी पर कानून का आश्वासन दिया गया था। इसके लिए किसानों की पांच सदस्यीय टीम भी गठित की गई थी। न तो टीम से कोई चर्चा की गई और न ही संसद में एमएसपी पर कोई अध्यादेश लाया गया।
ज्ञापन में चेतावनी दी है कि इस पर जल्द कदम नहीं उठाया गया तो गाजीपुर जैसा आंदोलन जनपद के प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर किया जाएगा। इस मौके पर भाकियू अंबावता के मंडल सचिव हाजी रफीक, भाकियू टिकैत के प्रदेश सचिव दरियाब सिंह, भाकियू चढूनी के सुरजीत सिंह, झंडू सिंह, अखलाक अहमद, अफसर खां, मकसूद, इकरार, भूरे खां, रामनाथ मौर्य, शेर सिंह मौर्य, गुरबाज सिंह आदि मौजूद रहे।