काढ़ा पीकर कोरोना से लड़ेंगे जंग,पीएसी जवानों के लिए प्रारंभ हुई व्यवस्था Moradabad News
हर दिन सुबह शाम दिया जा रहा है आयुर्वेदिक काढ़ा ताकि मजबूत रहे रोग प्रतिरोधक क्षमता। काढ़ा कोरोना से लडऩे में है कारगर।
मुरादाबाद,जेएनएन। नवीं वाहिनी पीएसी के जवान कोरोना से जंग में आयुर्वेद के अचूक नुस्खे का उपयोग हथियार के रूप में कर रहे हैं। महामारी से प्रशिक्षु महिला सिपाहियों व पीएसी जवानों को महफूज रखने के लिए देशी नुस्खे से तैयार स्वास्थ्यवर्धक काढ़ा पिलाया जा रहा है। काढ़ा बनाने व इसे परोसने को लेकर पीएसी बटालियन पूरे मनोयोग से जुटी है।
नवीं वाहिनी पीएसी में 199 महिला सिपाहियों का प्रशिक्षण जारी है। इसके अलावा परिसर में करीब 12 सौ पीएसी जवान व उनका परिवार निवास करता है। लॉकडाउन शुरू होते ही पीएसी परिसर की चारों तरफ से नाकेबंदी कर दी गई। बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित हो गया। इन सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती प्रशिक्षु सिपाहियों व पीएसी जवानों को कोरोना संक्रमण से दूर रखना था। आरटीसी प्रभारी तेज प्रताप सिंह बताते हैं कि शासन से मिले दिशा निर्देशों के तहत प्रशिक्षु सिपाहियों को सुबह व शाम नियमित आयुर्वेदिक काढ़ा दिया जा रहा है। इसके अलावा हर प्रशिक्षु को हल्दी मिलाकर दूध दिया जाता है। काढ़ा व दूध मिली हल्दी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है। शरीर स्वस्थ्य रखने में मदद मिलती है।
ऐसे बनता है काढ़ा
आयुर्वेदिक काढ़ा बनाने के लिए पीएसी जवान सिर्फ बाजार पर निर्भर नहीं हैं। काढ़ा का महत्वपूर्ण तत्व तुलसी पत्ता वह परिसर में ही एकत्र करते हैं। इसके बाद दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ (सूखा अदरक) व मुनक्का एक साथ मिलाकर उसकी कुटाई होती है, फिर कैंटीन में काढ़ा तैयार होता है।
प्रशिक्षु महिला सिपाहियों के अलावा सभी पीएसी जवानों को काढ़ा पिलाया जा रहा है। इसकी मानीटङ्क्षरग हो रही है। कैंटीन में सभी सामान उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित कराया जा रहा है। पीएसी परिसर में करीब पांच हजार से अधिक लोग हैं। सभी स्वस्थ्य हैं।
-अशोक कुमार शुक्ल, सेना नायक नवीं वाहिनी पीएसी।