1996 में ही पुष्टि हो गई थी कि अफगानिस्तान में मारा गया सम्भल का उमर बन गया आतंकी Moradabad News
अफगान यूएस आर्मी के संयुक्त ऑपरेशन में मारे गए आतंकी शना उल हक उर्फ उमर ने वर्ष 1991 में सम्भल छोड़ा तो किसी को नहीं पता वह कहां गया।
सम्भल, जेएनएन। अफगान यूएस आर्मी के संयुक्त ऑपरेशन में मारे गए आतंकी सना उल हक उर्फ उमर ने वर्ष 1991 में सम्भल छोड़ा तो किसी को नहीं पता वह कहां गया। 96 में उसके पाकिस्तानी आतंकी संगठन में शामिल होने की सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली। तब पूछताछ में पिता ने साफ कहा वह जिस दिन घर से गया, उसी दिन रिश्ता खत्म हो गया। उससे उनका कोई मतलब नहीं है।
कोई रिश्ता नहीं है, बेटे से खत्म कर लिए थे सारे संबंध
वर्ष 1996 में इंटेलीजेंस रिपोर्ट के बाद दिल्ली की खुफिया टीम सम्भल में उमर के घर पहुंची। खुफिया अधिकारियों ने उसके वालिद को बताया कि उमर पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के साथ है। इस पर उन्होंने सीधे कह दिया कि उससे उनका कोई रिश्ता नहीं है। बेटे से सारे संबंध खत्म कर लिए थे। इस पर अधिकारी वापस लौट गए। कुछ दिन पहले उनका इंतकाल हो गया, जबकि पिता के अच्छे अनुशासन और बेहतर शिक्षा ने एक बेटे को इंजीनियर तो दूसरे को शिक्षक बनाया है।
अफगानिस्तान में मूसाकला जिले में मारा गया उमर
अफगानिस्तान में हेलमंद प्रांत के मूसाकला जिले में तालिबान के एक अड्डे पर अमेरिका-अफगानिस्तान के संयुक्त हमले में भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) का प्रमुख आसिम उमर मारा गया है। उसका जन्म उत्तर प्रदेश के सम्भल में हुआ था। वह भारत में अलकायदा का चीफ था और समय के साथ आतंकी संगठन में अपनी मजबूत पकड़ बना चुका था। उस पर यह कार्रवाई सितंबर के शुरुआती दिनों में ही की गई थी लेकिन, इसकी पुष्टि अफगानी सेना ने अब की है।
एसपी ने कहा, उमर के बारे में ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं
बहरहाल एसपी यमुना प्रसाद का कहना है कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है। यदि कोई खुफिया रिपोर्ट आती है तो उसके हिसाब से काम किया जाएगा।