Indian Railways : अब एक के पीछे एक दौड़ेगी ट्रेनें, स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगाने का काम शुरू
रेलवे के नियम के अनुसार दो स्टेशन के बीच की दूरी औसत दस किलोमीटर होती है। रेलवे के नियम के अनुसार पहले स्टेशन से ट्रेन चलने के बाद जब तक ट्रेन दूसरी स्टेशन नहीं पहुंच जाती है तब तक दूसरी ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है।
मुरादाबाद, जेएनएन। रेलवे अधिक से अधिक ट्रेनों को चलाने के लिए लगातार नई तकनीक लगा रहा है। इसके तहत दो स्टेशनों के बीच स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
रेलवे के नियम के अनुसार दो स्टेशन के बीच की दूरी औसत दस किलोमीटर होती है। रेलवे के नियम के अनुसार पहले स्टेशन से ट्रेन चलने के बाद जब तक ट्रेन दूसरी स्टेशन नहीं पहुंच जाती है, तब तक दूसरी ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पहुंचने में दस से 12 मिनट का समय लगता है। इससे पीछे की ट्रेनों को स्टेशन पर ही रुकना पड़ता है। इसके कारण रेलवे अधिक से अधिक ट्रेन व मालगाड़ी नहीं चला पाता है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे दो स्टेशन के बीच एक तीसरा सिग्नल सिस्टम लगा रहा है। यह सिग्नल स्वचालित होता है। इसके बाद एक स्टेशन से ट्रेन चलने के पांच मिनट के अंदर पीछे से ट्रेन चला दी जाती है। यानी दस मिनट में एक ट्रेन चलती है। इस व्यवस्था के बाद दस मिनट को दो ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। मुरादाबाद रेल मंडल के बरेली-शाहजहांपुर के बीच बंथरा व तिलहर स्टेशन के बीच स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगाकर इसे चालू कर दिया गया है। यह सिग्नल लाल हो जाता है तो चालक एक मिनट के लिए सिग्नल पर रोक देगा और सीटी बजाते हुए धीमी गति से अगले स्टेशन तक ट्रेन चलाकर ले जाएगा। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि मंडल में कम समय में ट्रेन चलाने के लिए आधुनिक सिस्टम लगाने का काम चल रहा है। बंथरा-तिलहर के बीच स्वचालित सिग्नल सिस्टम लगाया गया है, यह सिस्टम अब काम करने लगा है।