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ममता के बंटवारे में मां को छोड़ दादी का दामन थामा

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By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:26 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:26 AM (IST)
ममता के बंटवारे में मां को छोड़ दादी का दामन थामा
ममता के बंटवारे में मां को छोड़ दादी का दामन थामा

मुरादाबाद : एक तरफ मां तो दूसरी तरफ दादी खड़ी थीं। मामला था नारी उत्थान केंद्र में दो बच्चों के बंटवारे का। पुलिस की मौजूदगी में दोनों बच्चों को दादी और मां में से एक को चुनने के लिए कहा गया। रास्ते में मां खड़ी थी। उसे पार कर दादी के पास जाना था। अनामिका और अंश पुलिस के सामने चले। मां को दरकिनार करते हुए दादी की गोद में बैठ गए। उस समय मां की आंख आंसुओं से भर आई। बच्चों ने कहा मम्मी टॉर्चर करती हैं। दादी के साथ रहना चाहते हैं। हालांकि पुलिस ने अभी मां और बच्चों को समझने के लिए एक मौका ओर दिया है, 17 फरवरी को एक बार फिर दोनों पक्षों को बुलाया गया है।

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यह था मामला 

भगतपुर के पाडली निवासी सुशील सक्सेना शिक्षक थे। तीन साल पहले उनकी मौत हो गई। पत्नी कुसुम लता को पति की मौत के बाद शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई, जो कटघर के गोविंदनगर स्थित किराए के मकान पर रहती हैं। कुसुम के तीन बच्चे अनामिका (14), अंश (12) और वंश (5) साल का हैं। वंश मम्मी के साथ रहता है, जबकि अनामिका और अंश दादी लज्जा देवी के साथ रहते हैं। लज्जा देवी को पति की पेंशन मिलती है। उसी से बच्चों का पालन पोषण करती हैं। कुसुम के गोविंद नगर में रहने की वजह से अनामिका और अंश ने उनके साथ रहने से इन्कार कर दिया। दोनों बच्चे दादी के साथ ही रहते हैं। कुसुम की ओर से महिला थाना और फिर नारी उत्थान केंद्र में बच्चों को दिलाने के लिए शिकायत की गई। मंगलवार को दादी दोनों बच्चों को लेकर नारी उत्थान केंद्र पहुंच गई। दादी ने स्पष्ट कर दिया कि बच्चे जिसके साथ रहना चाहें, उसे दे दिए जाए। बच्चों ने मम्मी के साथ रहने से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि दादी के पास रहकर ही पढ़ाई करना चाहते हैं। दादी का कहना था कि उनके पास एकलौता बेटा था, जिसका अंश अपने पोते में देखती हैं। पुलिस की मौजूदगी में कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

17 फरवरी को फिर की जाएगी बच्चों की काउंसिलिंग 

बच्चों को एक बार और समझने के लिए 17 फरवरी की तिथि देकर हाल में बच्चों को दादी के साथ भेज दिया।एसपी देहात उदय शंकर सिंह ने बताया कि बच्चों की काउंसिलिंग की गई थी। 17 फरवरी को भी की जाएगी। बच्चे जिस के साथ जाना चाहें, वहीं भेज दिए जाएंगे।


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