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पलक झपकते ही वाहनों का मिल जाएगा फिटनेस प्रमाण पत्र

प्रदीप चौरसिया मुरादाबाद वाहनों की फिटनेस कराने के लिए अब न लाइन लगाने की आवश्यकता नही

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 09:01 PM (IST)
पलक झपकते ही वाहनों का मिल जाएगा फिटनेस प्रमाण पत्र
पलक झपकते ही वाहनों का मिल जाएगा फिटनेस प्रमाण पत्र

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : वाहनों की फिटनेस कराने के लिए अब न लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी और ने दलालों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। पलक झपकते ही वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र भी मिल जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नियम में संशोधन कर प्राइवेट कंपनियों को वाहनों की आटोमैटिक फिटनेस करने की वर्कशाप बनाने का रास्ता साफ कर दिया है।

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वाणिज्य वाहनों का प्रत्येक साल और निजी वाहनों का 15 साल बाद फिटनेस करानी जरूरी होती है। वर्ष 2019 तक वाहनों की फिटनेस कराने के लिए परिवहन विभाग के कार्यालय जाने की आवश्यकता होती थी, जहां दलालों के चक्कर लगाने के साथ दिन भर इंतजार करना पड़ता था, उसके बाद मैनुअल फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। सड़क परिवहन और राजमार्ग नियम में वर्ष 2020 में संशोधन किया और प्राइवेट कंपनियों को वाहनों की फिटनेस करने का अधिकार दिया।

सरकार आनलाइन वायु प्रदूषण के जांच प्रमाण पत्र की तर्ज पर फिटनेस भी आनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने जा रही है। मंत्रालय ने मोटर 23 सितंबर 2021 को वाहन अधिनियम 1988 की धारा 56 (2) को संशोधित किया, जिसमें आटोमैटिक फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का नियम बनाया है। कोई भी कंपनी या वाहन बनाने वाली कंपनिनियां वर्कशाप में आटोमैटिक फिटनेस करने का लाइसेंस ले सकती हैं। जहां की फिटनेस करने वाले सिस्टम में कैमरा, वाहनों के पार्टस आदि की जांच करने के लिए स्वचालित आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। यह सिस्टम परिवहन वाहन विभाग के मुख्य सर्वर से जुड़ा होगा। वाहन वर्कशाप में पहुंचेगा और कैमरा आदि सक्रिय हो जाएगा। कुछ देर में सिस्टम वीडियो सिस्टम को भेज देगा और परीक्षण में वाहन फिट पाए जाने पर सिस्टम फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इस सिस्टम के बाद देश के किसी भी कोने में वाहनों की फिटनेस कराई जा सकती है। प्रदेश में आटोमैटिक फिटनेस वर्कशाप का लाइसेंस जारी करने का अधिकार परिवहन आयुक्त को दिया है।

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वर्जन

वाहनों का पंजीयन, ड्राइविग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए नियम के संशोधन किया जा रहा है। इसी के तहत वाहनों की आटोमैटिक फिटनेस हो सकेगी।

-छवि सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन)


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