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छह माह में ही 16 से हो गई बालिग, पिता ने पीले करा दिए हाथ

मुरादाबाद : छह माह पहले कोर्ट में जिस पिता ने बेटी को सोलह वर्ष का साबित किया, उसने ही अपनी परी के हाथ जबरदस्ती पीले करा दिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 10:46 AM (IST)
छह माह में ही 16 से हो गई बालिग, पिता ने पीले करा दिए हाथ

मुरादाबाद : छह माह पहले कोर्ट में खड़े होकर जिस पिता ने अपनी बेटी को महज सोलह वर्ष का साबित किया, उसने ही अपनी परी के हाथ जबरदस्ती पीले करा दिए। पिता के बदले रंग से दंग बेटी ने दरवाजा बाल कल्याण समिति का खटखटाया। पूछा कि महज छह माह पूर्व सोलह वर्षीय किशोरी आज अट्ठारह साल की कैसे हो सकती है? किशोरी के सवाल ने सीडब्ल्यूसी को झकझोर कर कर रख दिया। बाल विवाह की ओर इंगित कर रही बेटी के आरोपों की जाच कराने के निर्देश न्याय पीठ ने दिए हैं।

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दस मार्च 2018 को पिता की तहरीर पर बिलारी पुलिस ने एक किशोरी के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। तहरीर के जरिए पिता ने बताया कि हाईस्कूल में पढ़ने वाली उसकी बेटी शाम करीब चार बजे घर से लापता हो गई है। अपहरण के आरोप में नामजद अभियोग दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू हुई। दो माह बाद ही किशोरी सकुशल बरामद हो गई। अपहर्ता को पुलिस ने जेल भेज दिया। 15 मई को अपर जिला जज की कोर्ट में पेश हुए बिलारी के एक उपनिरीक्षक ने न्यायालय को बताया कि बरामद किशोरी सोलह वर्ष से भी कम उम्र की है। आयु प्रमाण के अनुसार किशोरी की वर्तमान आयु 15 वर्ष छह माह व दो दिन है। ऐसे में अपर जिला जज ने किशोरी की सुपुर्दगी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बाल कल्याण समिति के कंधे पर डाल दी। किशोरी की इच्छा के अनुरूप वह मा-बाप के सुपुर्द कर दी गई। बावजूद इसके किशोरी का कुशलक्षेम बताने के लिए वह न्याय पीठ के समक्ष पेश होती रही। पाचवी बार 18 सितंबर को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किशोरी ने जो दावा किया वह होश उड़ाने वाला था। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को किशोरी ने बताया कि उसका विवाह हो चुका है। कानून के जानकारों से साठगाठ कर परिजनों ने जबरिया उसका बाल विवाह करा दिया। अपने दावे पर बल देते हुए किशोरी ने न्याय पीठ से पूछा कि छह माह पूर्व जब वह महज साढ़े पंद्रह वर्ष की थी, तो आज भला अट्ठारह वर्ष की कैसे हो गई? न्यायपीठ ने जिन लोगों के हाथ उसे सौंपा, उन्होंने कानून का अनुपालन क्यों नहीं किया? बाल विवाह करने वाले परिवारीजनों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की? सवालों की इस झड़ी से सीडब्ल्यूसी के होश उड़ गए। किशोरी की गुहार पर अध्यक्ष गुलजार अहमद ने मामले की जाच का आदेश बाल कल्याण अधिकारी को सौंपा। इस बावत सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने कहा कि यदि किशोरी के आरोप सही मिले तो गुनहगारों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई होगी।

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बाल विवाह कराने के जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रकरण फिलहाल सीडब्ल्यूसी के समक्ष है। मामले में तहरीर मिलते ही आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

- जे रविन्दर गौड, एसएसपी मुरादाबाद।


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