Ration Card Cancellation: शासन से जारी नहीं हुआ आदेश और डीएम ने राशन वसूली के रेट भी कर दिए निर्धारित
अब शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सात अक्टूबर 2014 को जारी शासनादेश में अपात्र व्यक्ति द्वारा लिए गए राशन की कीमत वसूली का कोई प्रविधान नहीं है। इसका खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी अपनी गलती दूसरे पर मढ़ने करने का प्रयास कर रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अपात्र राशन कार्ड धारकों से राशन की वसूली नहीं की जाएगी। इस संदर्भ में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन, मुरादाबाद में तो जिलाधिकारी ने अपात्र राशन कार्ड धारकों से कीमत वसूली के लिए गेहूं चावल के रेट भी निर्धारित कर दिए थे। अब पता चला कि अपात्र व्यक्ति से कीमत वसूली करने का कोई नियम नहीं हैं तो जिलाधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए मीडिया द्वारा भ्रामक खबर प्रकाशित करने व टीवी पर दिखाने का आरोप लगा रहे हैं।
नई सरकार बनने के बाद प्रदेश भर में गरीबों द्वारा नये राशन कार्ड बनाने की मांग की जा रही थी। केंद्र सरकार ने राशन कार्ड बनाने की संख्या निर्धारित कर रखी है। जिसके कारण नया राशन कार्ड नहीं बनाया जा सकता है। मुरादाबाद जिले में 5.55 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जबकि बीस हजार से अधिक गरीब परिवारों ने राशनकार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर रखा है। अप्रैल में प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि सभी जिलों में राशन कार्ड धारकों का सर्वे कराए, जो कार्ड धारक गरीबी रेखा से ऊपर हो गए हैं, उनके कार्ड निरस्त करें।
शासन के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने 19 अप्रैल, 27 अप्रैल व 11 मई को प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसके अलावा टीवी पर बयान तक जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि जिस व्यक्ति के परिवार की आय शहर में तीन लाख व गांव दो लाख सालाना से अधिक है, जिसके पास सौ मीटर से अधिक जमीन पर घर है, जिसके पास कार, टैक्टर व आर्म्स लाइसेंस है, जो आयकरदाता हैं। वह राशन कार्ड के लिए अपात्र हैं। अपात्र व्यक्ति दस दिन के अंदर स्वेच्छा से राशन कार्ड वापस कर दें। सर्वे में अपात्र पाए जाने पर राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा और जब से राशन ले रहे हैं तब से 24 रुपये प्रति किलो गेहूं व 32 रुपये प्रति किलो चावल, चना, तेल व नमक की बाजार दर की कीमत से वसूली की जाएगी। इसके बाद डर से जिले भर में सात हजार से अधिक कार्ड धारकों ने स्वेच्छा पूर्वक राशन कार्ड वापस कर दिया।
अब शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सात अक्टूबर 2014 को जारी शासनादेश में अपात्र व्यक्ति द्वारा लिए गए राशन की कीमत वसूली का कोई प्रविधान नहीं है। इसका खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी अपनी गलती दूसरे पर मढ़ने करने का प्रयास कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने 23 मई को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सत्यापन के बाद राशन कार्ड निरस्त करने और अपात्र व्यक्ति से कीमत वसूली को लेकर इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया पर अनेक तथ्यहीन व भ्रामक खबरें प्रकाशित की गई हैं। सात अक्टूबर 2014 के जारी शासनादेश नियम का निर्धारण किया गया है, जिसमें अपात्र व्यक्ति से कीमत वसूली का कोई प्रविधान नहीं है। जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सर्वे में पाए जाने वाले अपात्र व्यक्ति के राशन कार्ड निरस्त किया जाएगा, उसके द्वारा लिए जा चुके खाद्यान्न की कीमत वसूली करने का कोई नियम नहीं हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है।