मुरादाबाद में हिंदू-मुस्लिम मिलकर लड़ रहे कोरोना से जंग Moradabad News
साथ-साथ कोरोना वायरस के खात्मे को की गई दुआ और प्रार्थना। बोले चंद बवालियों ने पूरे इलाके को कर दिया था बदनाम। गंगा-जमुनी तहजीब की दिलाई याद।
मुरादाबाद,जेएनएन। पत्थरबाजों से दो सौ मीटर दूरी पर एक ऐसा क्षेत्र है जहां मजहब की दीवार कोई मायने नहीं रखती। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग भी दोनों समुदाय के लोग मिलकर लड़ रहे हैैं। यहां साथ मिलकर वायरस के खात्मे के लिए प्रार्थना की गई।
हम बात कर रहे हैं नेब वाली मस्जिद से मात्र दो सौ मीटर दूर स्थित नवाबपुरा के ही मुहल्ला राजों का कुआं की। यहां प्राचीन शिव मंदिर है। डॉक्टर जमाल अहमद, डॉक्टर गुलरेज (सलमान), केजीके कालेज से रिटायर्ड हरिओम गुप्ता, मुहम्मद अथर, लक्की कुमार, शक्ति सिंह, मोहित वाली, अमीन मुहम्मद जमाल का कहना है कि मुहल्ले में भाईचारे की जिले भर में मिसाल दी जाती है। यहां धर्म की दीवार आड़े नहीं आती है। लॉकडाउन में हरिओम गुप्ता की दुकान रात में खुलवाकर सामान लिया गया। प्राचीन शिव मंदिर की देखभाल और साफ सफाई का जिम्मा भी सभी लोग संभालते हैं। चंद लोगों ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर पथराव कर पूरे इलाके का माहौल खराब कर दिया है। यहां के लोगों का कहना है कि नवाबपुरा के चंद लोगों ने पूरे मुहल्ले को ही नहीं मुरादाबाद पर दाग लगा दिया।
कोरोना आशंकितों से खुद सामने आने की अपील
कोरोना वायरस के खात्मे के लिए भी एक साथ दोनों ही समुदाय के लोगों ने दुआ और प्रार्थना भी की। हर कोई यहां के भाईचारे की मिसाल देता है, मगर चंद बवालियों ने पूरे नवाबपुरा को ही बदनाम कर डाला। आशंकित लोगों को पहचान छिपाने की जगह खुलकर सामने आना चाहिए। तभी समय रहते उनका उपचार किया जा सकेगा। उनकी जान बचाई जा सकेगी।
मंदिर से चबूतरे पर मनाया जाता है ईद का जश्न
मुस्लिम परिवार यहां प्राचीन शिव मंदिर की देखभाल करते हैं। साफ-सफाई का जिम्मा भी संभालते हैं। होली-दिवाली या फिर ईद, एक-दूसरे के यहां उपहारों का भी आदान-प्रदान होता है। ईद का जश्न भी मंदिर के चबूतरे पर ही मनाया जाता है।