सरकारी जमीनों से हटेंगे अवैध कब्जे, प्रशासन ने की है ये तैयारी Amroha News
वर्ष 1992 में कई पट्टे आवंटित किए गए हैं। इनकी अब प्रशासन जांच करेगा और उस समय तैनात रहे अधिकारियों को तलब किया जाएगा।
अमरोहा। गजरौला के गंगा पार खादर के वन क्षेत्र में सरकारी जमीन को कब्जाने को लेकर पूर्व में हुए विवाद व आगे फिर होने की आशंका में प्रशासन द्वारा खादर के गांवों में आवंटित पट्टों को निरस्त करने की तैयारी की है। वहीं खादर की जमीन पर कब्जा कर खेती करने वाले लगभग पचास लोगों को पांच-पांच लाख के मुचलकों से पाबंद किया जाएगा।
गंगापार के गांव गुलाब की मढ़ैया में प्रशासन द्वारा गेट संख्या 1 से 70 तक कुल 56 लोगों को पट्टे आवंटित थे। इसके बाद लोगों ने उन सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लिया। यहां की जमीनों पर पड़ोसी जनपद मेरठ व हापुड़ के दबंगों ने भी कई बार कब्जा करने का प्रयास किया। इस दौरान कई बार गोलियां चलीं। कई लोगों की हत्याएं भी हो चुकी हैं। 18 दिसंबर को इस गांव में वर्मा फार्म पर कब्जा करने को लेकर किठौर निवासी विक्रांत की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें सुंदर भाटी गैंग का शूटर व सपा सरकार में 50 हजार का इनामी रहा बदमाश अशोक सहित तीन लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले इसके नोएडा क्षेत्र के एक वर्मा नामक व्यक्ति का उसकी गाड़ी व लाइसेंसी बंदूक समेत अपहरण कर लिया था। इस मामले का पर्दाफाश गाजियाबाद पुलिस ने किया था लेकिन, अपहृत व्यक्ति की लाश अभी तक बरामद नहीं हुई है। ऐसी संभावित घटनाओं से बचने को प्रशासन ने रणनीति बनाकर आंवटित पट्टों की जांच कराने का निर्णय लिया है ताकि उन पट्टों को निरस्त कराया जा सके, जिन पर अवैध कब्जे कर रखे हैं। उन्हें पांच-पांच लाख रुपये से पाबंद भी किया जाएगा। ऐसे लोगों की संख्या पचास है। प्रभारी निरीक्षक डीके शर्मा ने बताया कि सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को चिह्नित कर पांच-पांच लाख के मुचलकों से पाबंद किया जाएगा।
नियमों की अनदेखी कर आवंटित किए गए पट्टे
यूं तो वर्ष 1986 में खादर क्षेत्र को हस्तिनापुर वन सेंच्युरी क्षेत्र घोषित किया जा चुका था। इसके बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए वन क्षेत्र में पट्टे आवंटित किए गए हैं।
हस्तिनापुर वन सेंच्युरी क्षेत्र गुलाबपुर की मढ़ैया इत्यादि गांवों में जितने पट्टे आवंटित किए गए थे, उनकी जांच कराकर उन्हें निरस्त किया जाएगा। कुछ पट्टे वन क्षेत्र घोषित होने के बाद भी आवंटित किए गए हैं। उनकी भी जांच कराई जाएगी। इसकी तैयारी आरंभ कर दी गई है।
विवेक यादव, एसडीएम, मंडी धनौरा।