खेतों से मिट्टी उठवानी है तो कराएं ऑनलाइन पंजीकरण, अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी
जारी किया जाएगा प्रमाणपत्र। अभी तक माफिया उठा रहे हैं किसानों की मिली छूट का लाभ। सरकार ने किसानों को अपने खेतों में मिट्टी खनन की निश्शुल्क दी थी इजाजत। अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए की जा रही कवायद।
मुरादाबाद, जेएनएन। राज्य सरकार ने किसानों को मिट्टी खनन रॉयल्टी में छूट प्रदान कर दी थी। लेकिन, किसानों की मिली इस छूट का खनन माफिया खूब फायदा उठा रहे थे। सरकार ने भी साफ कर दिया है कि पहले इस संबंध में कोई स्पष्ट गाइडलाइन न होने के कारण नियमों की छूट का फायदा गलत लोग उठा रहे थे, ऐसे में अब मिट्टी खनन करने वाले किसान को विभागीय पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा। बिना पंजीकरण के मिट्टी खनन और परिवहन को अवैध माना जाएगा।
भूतत्व एवं खनिकर्म अनुभाग की सचिव रोशन जैकब ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को नए निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें यह कहा गया है कि मार्च 2018 में किसानों को मिट्टी खनन की रॉयल्टी में जो छूट प्रदान की गई थी, उसका लाभ लेने वाले किसानों को विभागीय वेबसाइट में जाकर आवेदन करना होगा। इसमें भू-स्वामी को सौ घनमीटर तक मिट्टी खनन करने के लिए नक्शा, खतौनी के साथ ही अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि अपलोड करनी पड़ेगी, इसके बाद ही किसान मिट्टी खनन करेगा। जिला खान अधिकारी वशिष्ठ यादव ने बताया कि आवेदक के द्वारा जो आवेदन किया जाएगा,उसके बाद उसकी जांच पूरी होने के बाद ही ऑनलाइन पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। इस प्रमाण पत्र का लाभ किसानों को मिलेगा। अभी तक किसान अगर मिट्टी खनन करता तो भी पुलिस उससे पूछताछ करती थी, ऐसे में प्रमाण पत्र जारी होने के बाद खनन और परिवहन में किसानों को भी दिक्कत नहीं होगी। वहीं खनन माफिया भी इस छूट का अनुचित लाभ नहीं ले पाएंगे।