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सैकड़ों मुस्लिम परिवार बनाते हैं माता रानी की चुनरी Rampur News

रामपुर में सैकड़ों मुस्लिम परिवारों को मिल रहा रोजगार उत्तराखंड हिमांचल झारखंड उड़ीसा राज्यों में है यहां की चुनरी की डिमांड !

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 09:55 AM (IST)
सैकड़ों मुस्लिम परिवार बनाते हैं माता रानी की चुनरी Rampur News

रामपुर, जेएनएन: नवरात्र में नौ दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस पूजा में चुनरी का विशेष महत्व है। देश भर में लोग लाल रंग की चुनरी मां को चढ़ाते हैं। आस्था का प्रतीक देवी मां की यह चुनरी जहां सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रही है, वहीं धर्म के नाम पर लडऩे वालों को नसीहत भी देती है। लाल कपड़े को रंगीन सितारों और गोटे से सजाकर चुनरी बनाने वाले हाथ यहां के मुस्लिम भाइयों के हैं। इनके हाथों से बनी चुनरी की डिमांड उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हिमांचल, उड़ीसा, झारखंड आदि राज्यों में है। यहां बनने वाली चुनरी उत्तराखंड के काशीपुर स्थित गिर्जिया देवी, टनकपुर के पूर्णागिरी, हरिद्वार में चंडी देवी, मंसा देवी और जम्मू में माता वैष्णो देवी के दरबार तक जाती है।

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साल में एक करोड़ से अधिक का कारोबार

जिले में वैसे तो चुनरी बनाने का काम कई जगह होता है, लेकिन नगर के ग्राम अजीतपुर में चांदनी कारचोब हाउस द्वारा बड़े स्तर यह कारोबार किया जाता है। कारचोब हाउस के मालिक जमीर अहमद हैं। उन्होंने 40 साल पहले यह काम शुरू किया था, जिसे अब उनके बेटे समीर अहमद बखूबी संभाल रहे हैं। समीर बताते हैं कि वैसे तो उनके यहां साल भर चुनरी के आर्डर मिलते हैं, लेकिन नवरात्र में डिमांड बढ़ जाती है। पूरे साल कारीगर माता की चुनरी तैयार करते हैं। दूसरे प्रदेशों के व्यापारी नवरात्र के लिए छह माह पहले से ही आर्डर दे देते हैं। जब उनके पिता ने यह काम शुरू किया था तो स्थानीय व्यापारियों ने इसकी डिमांड की। जिले से बाहर पहला आर्डर मुरादाबाद से मिला। मुरादाबाद के ग्राम बूजपुर आशा में देवी का बड़ा मंदिर है, जहां मेला लगता है। वहां से भी चुनरी की डिमांड आई। इसके बाद पड़ोस के उत्तराखंड के काशीपुर में चेती मेले में चुनरी जाने लगी। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ी और अब देश के करीब आधा दर्जन राज्यों में हमारे यहां की चुनरी की सप्लाई हो रही है। इन राज्यों के प्रमुख देवी मंदिरों में श्रद्धालु यहां बनी चुनरी चढ़ाते हैं। व्यापारियों के आर्डर पर हम वहां चुनरी सप्लाई कर रहे हैं। पूरे साल चुनरी बनाने का काम किया जा रहा है। यह कारोबार सालाना करीब एक करोड़ तक पहुंच गया है।

21 रुपये से 700 रुपये तक है चुनरी की कीमत

चुनरी कारोबारी समीर बताते हैं कि उनके यहां वर्ग को ध्यान में रखते हुए चुनरी डिजाइन की जाती है। इसमें 21 रुपये से लेकर 700 रुपये तक की चुनरी शामिल है। चुनरी में कारचोब का जितना अधिक काम होता है, उसकी कीमत उनती ज्यादा होती है। साल भर काम चलता है। इसके लिए करीब 500 कारीगर काम कर रहे हैं। इसे बनाने वाले ङ्क्षहदू कारीगर भी हैं, लेकिन मुस्लिम कारीगरों की संख्या ज्यादा है।


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