Lockdown:शासन और पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे सिविल डिफेंस के सैकड़ों पदाधिकारी Moradabad News
भारत-चीन युद्ध के समय नागरिकों की रक्षा के लिए हुआ था सिविल डिफेंस का गठन। 10 से 12 घंटे लॉकडाउन में ड्यूटी करके निभा रहे जिम्मेदार नागरिक की भूमिका
मुरादाबाद,जेएनएन। देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है, ऐसे में आम नागरिकों को घर पर रोकने के साथ ही कानून व्यवस्था में सहयोग करने की जिम्मेदारी सिविल डिफेंस के करीब साढ़े चार सौ पदाधिकारी निभा रहे हैं।
शहर में जब भी कोई बड़ा आयोजन या शांति व्यवस्था की रणनीति बनती है, तो वह सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों के सहयोग से पूर्ण होती है। ईद हो या होली सिविल डिफेंस के पदाधिकारी बिना किसी आर्थिक सहयोग के सेवा में जुटे रहते हैं। मौजूदा समय में रोड पर ट्रैफिक रोकने के साथ ही मुहल्लों की निगरानी का काम सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों को सौंपा गया है। करीब दस से 12 घंटे तक इस संगठन के पदाधिकारी ड्यूटी पूरी कर जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा रहे हैं।
छह दिसंबर 1962 को हुआ था गठन
भारत और चीन का जिस समय युद्ध चल रहा था, उस समय आम नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेंदारी सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों को सौंपी गई थी। देश के सभी राज्यों और जनपदों में सिविल डिफेंस की इकाईयों का गठन हुआ था। जिसमें इनके पदाधिकारियों को आपातकाल के समय जीवन, संपत्ति, उत्पादन जारी रखने व आवश्यक सेवाओं की जरूरत को पूरा करने में सहयोग के साथ ही आम नागरिकों के मनोबल को बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साल 1968 में नागरिक सुरक्षा अधिनियम को भी लागू किया गया था।
ऐसे होती है नागरिक सुरक्षा संगठन की संरचना
नागरिक सुरक्षा संगठन राज्य के गृह मंत्रालय के अधीन होकर काम करता है। जिसमें नागरिक सुरक्षा विभाग का जिम्मा राज्य मंत्री के पास होता है। प्रमुख सचिव नागरिक सुरक्षा का जिम्मा आइएएस और निदेशक पद की जिम्मेदारी आईपीएस अफसरों को सौंपी जाती है। जनपद में जिलाधिकारी नियंत्रक, सहायक उपनियंत्रक एडीएम सिटी होते हैं। जनपद में चीफ वार्डेन का एक पद, डिविजनल वार्डेन के तीन पद, डिप्टी डिविजनल वार्डेन के तीन पद, दुर्घटना नियंत्रण अधिकारी के 15 पद, स्टॉफ आफीसर छह पद, पोस्ट वार्डेन के तीस पद के साथ ही ढाई सौ वार्डेन के पद हैं।
लखनऊ में दी जाती है ट्रेनिंग
लखनऊ स्थित बख्श्ी के तालाब में सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण केंद्र हैं। यहां पर पदाधिकारियों को एक-एक सप्ताह का प्रशिक्षण देकर आग बुझाने के साथ ही दुर्घटना होने पर बचाव राहत कार्य के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। वहीं केवल वार्डेन पद के लिए जिला कार्यालय में तीन दिन की ट्रेनिंग होती है।
सैकड़ों जुटे है इस काम में
एडीएम सिटी राजेंद्र सिंह सेंग का कहना है कि सिविल डिफेंस हमारा बहुत ही अनुशासित संगठन है। इसके पदाधिकारी सामाजिक सेवा में दिनरात लगे रहते हैं। कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से लगातार चार सौ पदाधिकारी दिनरात ड्यूटी में लगे हैं। पुलिस के साथ ही प्रशासन को इन पदाधिकारियों से काफी सहयोग मिल रहा है।