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डेंगू और वायरल से बचाने को मुरादाबाद में आया भरपूर बजट, अधिकारी चंद मुहल्लों में फागिंग कराकर दिखा रहे खपत

Dengue and Viral Fever in Moradabad डेंगू और वायरल घर-घर में पैर पसार चुका है। इसकी रोकथाम को संचारी रोग अभियान के तहत फागिंग व एंटीलार्वा कराया जा रहा है। इसमें अफसरों को गुमराह करके रोस्टर के हिसाब से वार्डों के सभी मुहल्लों में फागिंग कराने का दावा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 06:51 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 06:51 AM (IST)
डेंगू और वायरल से बचाने को मुरादाबाद में आया भरपूर बजट, अधिकारी चंद मुहल्लों में फागिंग कराकर दिखा रहे खपत
रोस्टर के हिसाब से भरपूर मात्रा में नहीं मिलती फागिंग के लिए दवा

मुरादाबाद, जेएनएन। Dengue and Viral Fever in Moradabad : डेंगू और वायरल घर-घर में पैर पसार चुका है। इसकी रोकथाम को संचारी रोग अभियान के तहत फागिंग व एंटीलार्वा कराया जा रहा है। लेकिन, इसमें अफसरों को गुमराह करके रोस्टर के हिसाब से वार्डों के सभी मुहल्लों में फागिंग कराने का दावा है। गोदाम से रोस्टर के हिसाब से फागिंग के दावों की सच्चाई की रिपोर्ट पर जनता मुहर लगाने को तैयार नहीं है। पार्षद को खुश करने के लिए उनके मुहल्ले व कालोनी के ब्लाक में फागिंग करके बाकि क्षेत्र छाेड़ दिए जाते हैं। एक करोड़ रुपये का बजट कीटनाशक दवाएं खरीदने के लिए वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित है। इतनी मोटी रकम कीटनाशक के लिए रखने के बावजूद भी वार्ड के दो-तीन मुहल्लों में ही फागिंग हो रही है। मंगलवार को वार्ड 26, 24 और 49 में पड़ताल की गई। जिसमें पार्षद के मुहल्लों में फागिंग हुई। अन्य मुहल्लों में नहीं।

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लोगों का कहना है कि उनके यहां अभी तक फागिंग नहीं हुई। इसके अलावा दूसरे मुहल्लों को बिना फागिंग के छोड़ दिया गया। फागिंग करने वाले भी उसी मुहल्ले से फोन करके सफाई नायक, इंस्पेक्टर से बात करवाते हैं, जहां फागिंग होती है। दैनिक जागरण की पड़ताल में इस खेल की कलई खुलकर सामने आई है। पंडित नगला, गागन वाली मिलक वीरशाह हजारी, अंडे बालान में कई लोगों से बात की गई लेकिन, उनके यहां रोस्टर के हिसाब से हर सप्ताह फागिंग होने से इन्कार किया। लोगों का कहना है कि एक दो महीने में कभी मशीन आती भी तो बहुत से फागिंग करते हुए चली जाती है। एक गली में फागिंग होने पर हम दौड़ते हैं कि यहां भी कर दो लेकिन, कर्मचारी कहते हैं कि गोदाम से जितनी दवा मिली है, उसी हिसाब से होगी।

इन मुहल्लों में फागिंग का रोस्टरः वार्ड 24, 26, 27, 49, 13, 07, 01, 03, 17 और 66 में फागिंग का रोस्टर है। गुलाबबाड़ी गोदाम से फागिंग की मशीनों में दवा भरी जाती है। एक बार अगर दवा खत्म हो गई तो दोबारा गोदाम से कीटनाशक दवा देने से इन्कार कर दिया जाता है। यही कारण है कि दूसरे मुहल्लों में रोस्टर के हिसाब से फागिंग नहीं हो रही है। बड़ी और छोटी दोनों मशीने केवल आधा घंटा ही फागिंग कर पाती हैं। अब आधा घंटा में इतने बड़े वार्ड में पूरी तरह फागिंग भला कैसे हो सकती है।

कीटनाशक दवा व उसे मिलाने के मानक

-मेलाथियान कीटनाशक दवा

-एक लीटर मेलाथियान में दस लीटर डीजल मिलाने का मानक

-फागिंग की बड़ी मशीन- नौ

-फागिंग की छोटी मशीन-70

-बड़ी फागिंग की मशीन में 200 लीटर क्षमता।

-छोटी फागिंग की मशीन में 20 लीटर क्षमता।

क्या कहते हैं अधिकारीः अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि फागिंग नियमित रूप से होती है। प्रत्येक वार्ड में सम्पूर्ण फागिंग के निर्देश हैं। अगर रोस्टर के हिसाब से फागिंग में कुछ मुहल्ले छूट रहे हैं तो यह लापरवाही है। इसकी जांच कराई जाएगी। संचारी रोग अभियान के तहत हर गली में एंटी लार्वा व फागिंग् को लेकर और सख्ती बरती जाएगी।


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