Rampur News: प्रदेशभर में चर्चित हुए कारतूस घोटाले में नहीं हो सकी सुनवाई, अधिवक्ताओं की हड़ताल बनी वजह
पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की तो घोटाले में इलाहाबाद कानपुर झांसी मऊ आदि दूसरे जिलों के आर्मरर के नाम भी सामने आए। कुछ सिविलियन भी इसमें शामिल थे। पुलिस ने 26 नामों का खुलासा किया। ये सभी गिरफ्तार हुए थे।
रामपुर, जेएनएन। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते प्रदेश के चर्चित कारतूस घोटाले के मुकदमे में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत अब चार जून को सुनवाई करेगी। एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को कारतूस घोटाले का पर्दाफाश किया था। एसटीएफ की टीम ने ज्वालानगर रेलवे क्रासिंग के पास घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद को गिरफ्तार किया था। उसके साथ दो सीआरपीएफ जवान भी पकड़े गए थे। एसटीएफ को तीनों के कब्जे से 1.76 लाख रुपये और ढाई क्विंटल खोखा कारतूस बरामद किए थे।
पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की तो घोटाले में इलाहाबाद, कानपुर, झांसी, मऊ आदि दूसरे जिलों के आर्मरर के नाम भी सामने आए। कुछ सिविलियन भी इसमें शामिल थे। पुलिस ने 26 नामों का खुलासा किया। ये सभी गिरफ्तार हुए थे। वर्तमान में सभी आरोपित जमानत पर जेल से बाहर हैं। इनमें यशोदानंद की मृत्यु हो चुकी है। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज द्वितीय के न्यायालय में चल रही है। आरोपितों के अधिवक्ता देवेंद्र कुमार नंदा ने बताया कि बांदा में तैनात दारोगा राजकुमार की गवाही होनी है। वह घटना के समय एसटीएफ में तैनात थे। उन्होंने ही माल बरामदगी की फर्द तैयार की थी। गवाही के लिए उन्हें आना था, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके अलावा अधिवक्ताओं की हड़ताल भी थी।
तमंचा व कारतूस समेत दो को दबोचा: उप निरीक्षक इंद्रेश कुमार ने रामपुर रोड स्थित शिवनगर जाने वाले मार्ग से एक व्यक्ति को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके पास से 12 बोर तमंचा और दो कारतूस बरामद हुए। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम हबीबुर्रहमान निवासी कटरा शहीद कांति वाली गली नंबर 61 थाना गलशहीद मुरादाबाद बताया। इसके अलावा ग्राम मुझियाना के पास से उपनिरीक्षक रजनीश कुमार ने तमंचा - कारतूस के साथ सत्य प्रकाश को गिरफ्तार किया। वह ग्राम सहीद नगर थाना शहजाद नगर का रहने वाला है। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।