मुरादाबाद के निजी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने किया सील, जानें अस्पताल में क्या गड़बड़ी की जा रही थीं
Health department sealed private hospital in Moradabad आशियाना कालोनी में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। इसके साथ ही सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। सफाई कर्मचारियों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया।
मुरादाबाद, जेएनएन। Health department sealed private hospital in Moradabad : आशियाना कालोनी में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। इसके साथ ही सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। प्रसव के बाद निकलने वाला बायोमेडिकल वेस्ट आम कचरे में मिलने वाला आम कचरे में मिलने की वजह से सफाई कर्मचारियों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। इससे झोलाछाप में खलबली मच गई है।
जिले में बिना पंजीयन के अस्पतालों की भरमार है। इसकी एक बानगी बुधवार को आशियाना कालोनी स्थित संवेदना अस्पताल की देखने को मिली। अस्पताल से निकलने वाला बायोमेडिकल वेस्ट बाहर कूड़ाघर पर मिला। इसकी शिकायत जब सफाई कर्मचारियों ने वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय वर्मा को दी तो उन्होंंने सफाई इंस्पेक्टर हेमेंद्र कुमार सिंह को टीम के साथ मौके पर भेजा। शिकायत सही मिली। फौरन ही स्वास्थ्य विभाग से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमसी गर्ग टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्हाेंने अस्पताल का पंजीयन चेक कराया तो वहां मौजूद स्टाफ पत्र नहीं दिखा सका। इलाज करने वाले डाक्टर भी नहीं पहुंचे। इसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया। नगर निगम की ओर से भी थाने में तहरीर दी गई है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि सफाई कर्मचारियों ने अस्पताल के बाहर बायोमेडिकल वेस्ट में डाला जाने वाला कचरा आम कचरे में पड़ा होने की जानकारी दी थी। जानकारी होने पर फौरन टीम भेजी गई। बात सही मिली। इसके बाद अस्पताल का पंजीयन चेक कराया गया तो पता चला कि पंजीयन भी नहीं है। अस्पताल को सील करने के साथ ही मुकदमा के लिए तहरीर दे दी गई है।
नगर निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय वर्मा ने बताया कि डिलीवरी के बाद निकलने वाला कचरा आम कचरे में पड़ा होने की शिकायत सफाई कर्मचारी कई बार कर चुके थे। हमने सीएमओ को मामले की जानकारी दी। मौके पर बात सही मिली। हमने घरेलू कचरे में आपरेशन का कचरा मिलने को लेकर थाने में नगर निगम की ओर से तहरीर दे दी गई है। बाकी कार्रवाई सीएमओ की ओर हुई है।
60 दिन में भी पूरी नहीं हुई जांच : मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने जिले के बिना पंजीयन वाले 60 अस्पतालों की जांच स्वास्थ्य विभाग से कराई थी। 60 दिन बाद भी जांच रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं मिली है। कौन पंजीकृत है और कौन पंजीकृत नहीं है। जबकि बिना पंजीयन के दर्जनों अस्पताल चलाए जा रहे हैं। पाकबड़ा से डींगरपुर रोड, रामपुर रोड, ताजपुर रोड के अलावा अन्य तमाम जगहों पर झोलाछाप दुकाने चला रहे हैं।