Monkeypox को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट, कहा- देश में नहीं है कोई मरीज पर बरतें सावधानी
Monkeypox Patient in India मंकीपाक्स बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने अलर्ट जारी किया है। यूनाइटेड किंगडम यूएसए यूरोप आस्ट्रेलिया और कनाडा से मंकीपाक्स के मामले जानकारी में आए हैं। इससे किसी की मौत की कोई सूचना नहीं है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Monkeypox Patient in India : मंकीपाक्स बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य निदेशालय ने अलर्ट जारी किया है। यूनाइटेड किंगडम, यूएसए, यूरोप, आस्ट्रेलिया और कनाडा से मंकीपाक्स के मामले जानकारी में आए हैं। इससे किसी की मौत की कोई सूचना नहीं है। भारत में इस बीमारी से जुड़ा कोई मरीज नहीं है। जिसकी वजह से अलर्ट जारी किया गया।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद जिले की संक्रामक यूनिट ने सभी सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्रों को अलर्ट कर दिया है। लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है जो लोग 21 दिन के अंदर किसी ऐसे देश की यात्रा से आए हों जहां मंकीपाक्स की बीमार की पुष्टि हुई हो या संदिग्ध रोगी के संपर्क में आए हों। ऐसे संदिग्ध मरीजों को पहचान के बाद आइसोलेट किया जाएगा। वह मरीज तब तक आइसोलेट रहेंगे जब तक उनके घाव पर दूसरी परत न आ जाए।
किसी भी क्षेत्र में इस तरह का संदिग्ध मरीज मिलता है तो जिला सर्विलांस अधिकारी या उनकी टीम को जानकारी देनी होगी। संदेह होने पर बेसिकल्स के तरल पदार्थ, खून, बलगम आदि के नमूने मंकीपाक्स की जांच के लिए पुधे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी भेजे जाएंगे। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया सतर्कता बरतने के लिए सभी को जानकारी दे दी गई है। देश में मंकीपाक्स का कोई मरीज नहीं मिला है। इससे पहले भी यहां इसका कोई मरीज के मिलने की हिस्ट्री नहीं है।
यह हैं लक्षणः मंकीपाक्स के मरीजों में अधिकांश बुखार, शरीर पर चकत्ते, सूजी हुई लसीकापर्व जैसे लक्षण मिलते हैं। मंकीपाक्स एक स्व-सीमित बीमारी है जिसके लक्षण सामान्यता दो से चार सप्ताह तक नजर आते हैं। लेकिन, कुछ लोग गंभीर बीमार हो सकते हैं। यह बीमारी जानवरों से इंसान में और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।
चेचक से मिलते-जुलते लक्षणः मंकीपाक्स के लक्षण चेचक (आर्थोपाक्स वायरस) से मिलते जुलते हैं, जिसे वर्ष 1980 में वैश्विक स्तर से उन्मूलित घोषित कर दिया गया था। मंकीपाक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है। इसके कारण होने वाला रोग भी चेचक रोग की तुलना में कम गंभीर होता है। इस रोग का इनक्यूबेशन पीरियड आम तौर पर सात से 14 दिन का होता है लेकिन, यह 15 से 21 दिनों तक भी हो सकता है।
ऐसे करें बचाव
- विदेश से आने वाले लोगों के संपर्क में न रहें
- बुखार या शरीर पर चकत्ते पड़ें तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें
- दूसरे का बिस्तर या कपड़े इस्तेमाल न करें