जीआरपी मुरादाबाद ने बालिग को बना दिया नाबालिग, जानिए कैसे, Moradabad News
बाल संरक्षण ईकाई व मरादाबाद जीआरपी की समझ और नजरों की परख पर सवाल उठ रहे हैं।
मुरादाबाद : बाल संरक्षण ईकाई व मरादाबाद जीआरपी की समझ और नजरों की परख पर सवाल उठ रहे हैं। दोनों की अदूरदर्शिता के कारण कासगंज निवासी एक युवक को तीन दिन चाइल्ड लाइन में रहना पड़ा। पूर्व में भी पुलिस व जिम्मेदारों की ऐसी लापरवाही का खामियाजा पीडि़तों को उठाना पड़ा है।
आरपीएफ व जीआरपी की अगुवाई में डीसीपीयू ने 16 अगस्त को मुरादाबाद जंक्शन पर छापेमारी की। इस दौरान उन बच्चों की तलाश की गई, जो नाबालिग उम्र में नशे के आदी व बाल श्रमिक थे। जीआरपी ने मुरादाबाद जंक्शन से दो बच्चों को कब्जे में लिया। दोनों चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिए गए। इनमें से एक नौ वर्षीय बच्चा कबाड़ बीनते मिला। शनिवार को उसे मां-बाप के सुपुर्द कर दिया गया।
आधार कार्ड दिखाने पर भी नहीं मानी बात
दूसरा कथित किशोर परिजनों के इंतजार में था। इस बीच वह चाइल्ड लाइन के सदस्यों के बीच चौंकाने वाला दावे करता रहा। उसने अपना नाम महेश कुमार पुत्र टीकाराम निवासी मुहल्ला लोदी झंडा, थाना सहावर, जिला कासगंज बताया। आधार कार्ड दिखाते हुए अपनी उम्र 23 वर्ष बताई। यह देख चाइल्ड लाइन के सदस्यों का माथा ठनक गया। उन्होंने बाल कल्याण समिति को अवगत कराया। सोमवार को सुबह महेश का पिता मुरादाबाद पहुंच गया। आनन फानन में बाल कल्याण समिति ने युवक को उनके हवाले कर दिया।
पहले भी हो चुकी है चूक
जीआरपी अथवा पुलिस की यह पहली चूक नहीं है। आठ अगस्त को लावारिस हाल में मिली जिस महिला को कांठ पुलिस ने महज 14 वर्ष का बताते हुए चाइल्ड लाइन भेजा, उसकी वास्तविक उम्र 23 वर्ष निकली। बाल कल्याण समिति के आदेश पर मानसिक रूप से बीमार महिला को महिला शरणालय भेजा गया। इसी प्रकार 11 जुलाई को महिला हेल्प लाइन ने रेस्क्यू करते हुए कथित रूप से नाबालिग किशोरी को चाइल्ड लाइन में दाखिल कराया। दूसरे दिन कथित किशोरी ने उम्र प्रमाण पत्र देते हुए खुद को बालिग बताया। तीन दिसंबर 2018 को मूंढापांडे पुलिस ने 17 वर्षीय एक कथित किशोरी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया। पूछताछ में पता चला कि वह दो बच्चों की मां है। उसकी वास्तविक उम्र 28 वर्ष है। दोनों ही मामले बाल कल्याण समिति ने महिला शरणालय के सुपुर्द कर दिया।
मुझे नहीं है जानकारी
डीपीओ राजेश कुमार गुप्त बताते हैं कि उम्र सत्यापित करने की जिम्मेदारी बाल कल्याण समिति की है। यदि कोई बच्चा व युवक अपना उम्र प्रमाण पत्र देता है, उसी के आधार पर निर्णय लिया जाता है। रही बात महेश के तीन दिन तक चाइल्ड लाइन में रहने की तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पता किया जाएगा।