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कोरोना संक्रमण पर मुरादाबाद में बड़ी लापरवाही, दो जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट की लाइन ही कनेक्‍ट नहीं

आक्सीजन प्लांट स्टार्ट करके तो देखा गया लेकिन पाइपलाइन से बेड तक आक्सीजन पहुंचेगी या नहीं इसे छोड़ दिया गया। नोडल अधिकारी डा. ब्रह्म सिंह ने बताया कि कुछ पाइप लाइन बिछनी बाकी है। उसे एक या दो दिन में पूरा करा दिया जाएगा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 05 Jan 2022 02:35 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 02:35 PM (IST)
नोडल अधिकारी डा. ब्रह्म सिंह ने बताया कि कुछ पाइप लाइन बिछनी बाकी है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता।  वाह रे स्वास्थ्य विभाग, यह कैसी तैयारी है। कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने रिहर्सल की थी। एंबुलेंस से मरीज भर्ती करने तक पूरी व्यवस्थाएं चाक चौबंद होने का दावा किया गया। लेकिन, शरीफ नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मूंढापांडे में तैयार किए गए 350 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन प्लांट को अस्पताल के वार्ड से कनेक्ट ही नहीं किया गया है। आक्सीजन प्लांट स्टार्ट करके तो देखा गया लेकिन, पाइपलाइन से बेड तक आक्सीजन पहुंचेगी या नहीं इसे छोड़ दिया गया। नोडल अधिकारी डा. ब्रह्म सिंह ने बताया कि कुछ पाइप लाइन बिछनी बाकी है। उसे एक या दो दिन में पूरा करा दिया जाएगा।

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कोविड अस्पताल में भर्ती मरीज का सात मिनट में उपचार : रामपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोविड अस्पतालों को सक्रिय किया जा रहा है। इसके तहत कोविड मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बने एल-टू हास्पिटल में माक ड्रिल किया गया। यहां एक स्वस्थ व्यक्ति को मरीज बनाकर भर्ती किया गया और उसे कोविड से संबंधित जरूरी उपचार दिया गया। मात्र सात मिनट में मरीज को उपचार मिला, जिस पर अधिकारियों ने संतोष व्यक्ति किया। कोरोना संक्रमण तीसरी बार फैलने की संभावना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में बेहतर उपचार की व्यवस्था की जा रही है। बच्चों के लिए विशेष पीकू वार्ड बनाए गए हैं, जिनका कई बार माक ड्रिल किया जा चुका है। एल-टू हास्पिटल का माक ड्रिल हुआ। यह माक ड्रिल संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा. सरोज अरोड़ा की मौजूदगी में किया गया। इसमें संभावित कोविड मरीज को एंबुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय में लाया गया। उसके तुरंत बाद मरीज को कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया। यहां मरीज की भर्ती प्रक्रिया से लेकर आरटीपीसीआर जांच तथा उसको आक्सीजन से लेकर के वेंटीलेटर पर रखने तक सात मिनट का समय लगा। 


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